Pakistan : कट्टरपंथी इस्लामी राजनीतिक दल की बैठक में आत्मघाती हमला, ISIS ने ली जिम्मेदारी
पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा में कट्टरपंथी इस्लामी राजनीतिक दल की बैठक में आत्मघाती हमले की वजह का पता चला है। इस आत्मघाती हमले में कम से कम 44 लोग मारे गए हैं और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सोमवार को पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस हमले के पीछे खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस का हाथ है।
पेशावर (पाकिस्तान), पीटीआई। पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा में कट्टरपंथी इस्लामी राजनीतिक दल की बैठक में आत्मघाती हमले की वजह का पता चला है। इस आत्मघाती हमले में कम से कम 44 लोग मारे गए हैं और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
सोमवार को पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस हमले के पीछे खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस का हाथ है। यह हमला रविवार को उस समय हुआ जब कट्टरपंथी जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) पार्टी के 400 से अधिक सदस्य रैली कर रहे थे।
पुलिस घटनास्थल की जांच कर रही है
पुलिस अधिकारी ने बताया कि वो बाजौर आत्मघाती हमले की जांच कर रहे हैं और जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि प्रतिबंधित संगठन दाएश (आईएसआईएस) इसमें शामिल था। पुलिस ने कहा कि वे हमलावर की जानकारी जुटा रहे हैं, जबकि बम निरोधक दस्ते की टीम घटनास्थल से सबूत इकट्ठा कर रही है।
जिला पुलिस अधिकारी नजीर खान ने कहा कि तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। प्रांतीय पुलिस प्रमुख अख्तर हयात खान ने कहा कि विस्फोट में आत्मघाती हमलावर द्वारा 10 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा कि हमलावर रैली की भीड़ में सबसे आगे की तरफ बैठे हुए थे। इसलिए हमलावर ने सम्मेलन के मंच के आगे विस्फोट किया।
हमले में 44 लोग मारे गए
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जेयूआई-एफ डिस्ट्रिक्ट अमीर मौलाना अब्दुल रशीद जैसे ही मंच पर पहुंचे, तभी हमलावरों ने विस्फोट किया। मृतकों में जेयूआई-एफ तहसील खार मौलाना जियाउल्लाह जान, नवगाई तहसील महासचिव मौलाना हमीदुल्ला, जिला सूचना सचिव मुजाहिद खान और दर्जनों पार्टी कार्यकर्ता शामिल हैं।
ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा (केपी) के कार्यवाहक स्वास्थ्य मंत्री रियाज अनवर ने रविवार रात कहा कि हमले में 44 लोगों की जान चली गई, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए।
बता दें कि, यह हमला रविवार को हुआ जब कट्टरपंथी जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) पार्टी के 400 से अधिक सदस्य खार शहर में एक छतरी के नीचे एक बैठक के लिए एकत्र हुए थे।
150 से अधिक लोग घायल हुए
हमले के बाद से बाजौर और आसपास के इलाकों के अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। हमले में गंभीर रूप से घायलों को सैन्य हेलीकॉप्टरों द्वारा बाजौर से प्रांतीय राजधानी पेशावर के अस्पतालों में ले जाया जा रहा है। बाजौर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. फैसल कमाल ने कहा कि 150 से अधिक घायल लोगों को बाजौर जिला मुख्यालय अस्पताल लाया गया है।
डॉन अखबार के मुताबिक, "35 से अधिक लोगों को तिमरगढ़ अस्पताल रेफर किया गया है, जबकि गंभीर रूप से घायल 15 लोगों को पाकिस्तानी सेना के हेलीकॉप्टर के जरिए पेशावर भेजा गया है।" बचावकर्मियों ने चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि 15 लोगों की हालत गंभीर है।
पीएम ने हमले की निंदा की
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विस्फोट की कड़ी निंदा की है और कसम खाई है कि जिम्मेदार लोगों की पहचान की जाएगी और उन्हें दंडित किया जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया, "पाकिस्तानी राष्ट्र, कानून प्रवर्तन एजेंसियां और हमारे संरक्षक दुश्मन की ऐसी कायरतापूर्ण रणनीति को कभी सफल नहीं होने देंगे।"
शरीफ ने अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान से बात की। उन्होंने कहा, “हम आपके दुःख में बराबर के भागीदार हैं। अपराधियों को वास्तव में दंडित किया जाएगा और आतंकवाद को समाप्त करना पूरे देश की प्रतिबद्धता है।” उन्होंने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की और उन्हें समय पर चिकित्सा सहायता देने पर जोर दिया।