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पीओके एक्टिविस्‍ट ने खोली पाक की पोल, गुलाम कश्‍मीर में बड़ी संख्‍या में आतंकी घुसपैठ की फ‍िराक में

पीओके के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए पीओके को आतंकियों के लॉन्चपैड के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sat, 24 Aug 2019 04:32 PM (IST)
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पीओके एक्टिविस्‍ट ने खोली पाक की पोल, गुलाम कश्‍मीर में बड़ी संख्‍या में आतंकी घुसपैठ की फ‍िराक में
रावलकोट, एएनआइ। पाकिस्‍तान एक एजेंडे के तहत दशकों से जम्‍मू-कश्‍मीर में अशांति फैलाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। पीओके के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने यह सनसनीखेज खुलासा किया है। जम्‍मू-कश्‍मीर लिबरेशन फ्रंट (Jammu Kashmir Liberation Front, JKLF) के नेता सरदार सगीर (Sardar Saghir) ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए पीओके को आतंकियों के लॉन्चपैड के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।

सगीर ने भारतीय खुफ‍िया एजेंसियों के उस इनपुट पर भी मुहर लगाई जिसमें कहा गया है कि पीओके स्थित लॉन्चिंग पैड में जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकी बड़ी संख्‍या में घुसपैठ की ताक में बैठे हैं। सगीर ने कहा कि पीओके में बड़ी संख्‍या में आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। यही नहीं बड़ी संख्‍या में आतंकी भारत में घुसपैठ की ताक में बैठे हैं। ये आतंकी लगातार घुसपैठ की कोशिशें कर रहे है, मारे जा रहे हैं और मारे जाते रहेंगे।

सगीर ने बताया कि पाकिस्तान एक एजें‍डे के तहत जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता पैदा करने के लिए आतंकवादियों का इस्तेमाल कर रहा है। यही नहीं सन 1947 में भी पाकिस्‍तान ने कश्‍मीर को अस्थिर करने की बड़ी कोशिश की थी। सन 1980 से पाकिस्‍तान ने लगातार जम्‍मू-कश्‍मीर को अशांत करने की कोशिशें की हैं। साल 1989 में हिज्‍बुल मुजाहिद्दीन (Hizbul Mujahideen) और जमात उल मुजाहिद्दीन (Jamiat-ul-Mujahideen) जैसे आतंकी संगठनों को खड़ा करने के पीछे पाकिस्‍तान की यही मंशा थी।

सगीर ने बताया कि हाफ‍िज सईद द्वारा लश्‍कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba, LeT) और जमात उद दावा (Jamaat-ud-Dawa, JuD) का भी गठन कश्‍मीर में अशांति फैलाने के मकसद से किया गया था। विश्‍व समुदाय को पाकिस्‍तान द्वारा की जाने वाली आतंकी गतिविधियों को देखा जाना चाहिए। गुलाम कश्‍मीर में हालात बहुत खराब हैं। वहां के लोग पाकिस्‍तानी उत्‍पीड़न और आतंकवाद से जूझ रहे हैं। 9/11 के आतंकी हमले के बाद आतंकवाद के मसले पर पाकिस्‍तान बेनकाब हो गया और गुलाम कश्‍मीर के लोगों का शांतिपूर्ण संघर्ष सामने आया।