पाकिस्तान ने चंद्रयान-3 की सफलता को बताया 'महान वैज्ञानिक उपलब्धि', कहा- बहुत कुछ सीखने की जरूरत
भारत की चंद्रयान-3 की सफलता को देशभर की मीडिया पहले पन्ने पर कवरेज दे रही है। हालांकि पाकिस्तान के डॉन अखबार ने भी अपने संपादकीय शीर्षक भारत की अंतरिक्ष खोज में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को ऐतिहासिक बताया। डॉन अखबार ने भारत के इस विशेष उपलब्धि की सराहना की और कहा कि भारत ने कम बजट में वह हासिल किया जो अमीर देशों ने बड़ी रकम खर्च करके हासिल किया।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sat, 26 Aug 2023 12:49 PM (IST)
इस्लामाबाद, एजेंसी। Pakitan Reaction on Chandrayaan-3: भारत के चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी को लेकर दुनियाभर में चर्चा हो रही है। सभी देशों से भारत को बधाई संदेश मिल रहे हैं। हालांकि, हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान बधाई देने में काफी लेट हो चुका है।
भारत की चंद्रयान-3 की सफलता को पाकिस्तान ने काफी नजरअंदाज किया। यहां देशभर की मीडिया इस ऐतिहासिक पल को पहले पन्ने पर कवरेज दे रही है। हालांकि पाकिस्तान के डॉन अखबार ने भी अपने संपादकीय शीर्षक 'भारत की अंतरिक्ष खोज' में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को ऐतिहासिक बताया। डॉन अखबार ने भारत के इस विशेष उपलब्धि की सराहना की और कहा कि भारत ने कम बजट में वह हासिल किया जो अमीर देशों ने बड़ी रकम खर्च करके हासिल किया है।
इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के डेडिकेशन से मिली सफलता
डॉन अखबार ने कहा कि भारत के स्पेस प्रोग्राम की सफलता का कारण सरकार के समर्थन के साथ-साथ इंजीनियरों और वैज्ञानिकों का डेडिकेशन भी है, जिसने इस कठिन मिशन को संभव बनाने में मदद किया। इसमें कहा गया की पाकिस्तान को भारत के अतंरिक्ष सफलता से बहुत कुछ सीखना चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि, पाकिस्तान का अंतरिक्ष प्रोग्राम भारत से पहले लॉन्च किया गया था।महान वैज्ञानिक उपलब्धि
पाकिस्तान ने भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को महान वैज्ञानिक उपलब्धि करार दिया है। शुक्रवार को पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच से जब ब्रीफिंग के दौरान चंद्रयान-3 मिशन कीसफल सॉफ्ट-लैंडिंग पर टिप्पणी करने के लिए पूछा, तो उन्होंने इसे एक महान वैज्ञानिक उपलब्धि बताया। मुमताज ने इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के वैज्ञानिकों की सराहना की। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने 'इंडियाज लूनर लॉरेल' शीर्षक से अपने संपादकीय में कहा कि भारत की सफलता ने वास्तव में वो हासिल किया जिसे करने में अमेरिका, सोवियत-रूसी और चीनी अंतरिक्ष विफल रहे हैं।