Pakistan News : 'पनाहगार' पाकिस्तान को भारी पड़ रहा आतंकवाद, 3 महीने में 358 की मौत, 496 घायल हुए
रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी महीने से लेकर मार्च के महीने तक 219 आतंकवादी हमलों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में 358 लोगों की मौत हुई है जबकि 496 लोग जख्मी हुए। सबसे ज्यादा मौतें बलूचिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हुई। इसके बाद सिंध पंजाब और इस्लामाबाद में मौतें हुई।
By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Mon, 17 Apr 2023 07:41 PM (IST)
इस्लामाबाद, एएनआई। सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस) ने हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि इस साल की पहली तिमाही में आतंकवादी हमलों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में कम से कम 854 लोग मारे गए या घायल हुए। एएनआई ने 'द नेशन' की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि यह संख्या 2022 की तुलना में आधी है। देश में आतंकवादी हमलों में मारे गए या घायल हुए लोगों की संख्या में इजाफा इस बात को दर्शाता है कि मामला कितना गंभीर है और पाकिस्तान एक पूर्ण आंतरिक युद्ध के बीच में है। न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को इस खतरे को मिटाने के लिए एक राष्ट्रीय सहमति की आवश्यकता है।
358 लोगों की मौत, 496 लोग हुए घायल
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जनवरी महीने से लेकर मार्च के महीने तक 219 आतंकवादी हमलों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में 358 लोगों की मौत हुई है, जबकि 496 लोग जख्मी हुए। रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा मौतें बलूचिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हुई। इसके बाद सिंध, फिर पंजाब और इस्लामाबाद में मौतें हुईं।
सुरक्षा बलों को बनाया गया निशाना
रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी सुरक्षा बलों के लिए बेहद घातक था। जुलाई 2014 के बाद एक महीने में सुरक्षा कर्मियों की मौत की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है, जिसमें 118 सुरक्षाकर्मियों की मौतें हुईं। आंकड़ों से पता चलता है कि नागरिकों के हताहत होने की संख्या में कमी आई है और आतंकवादी समूहों द्वारा सुरक्षा बल टारगेट रहे हैं। द नेशन के अनुसार, पिछले साल की पहली तिमाही की तुलना में सुरक्षा और सरकारी अधिकारियों की मौत लगभग दोगुनी हो गई है।पाकिस्तान की पिछली गलतियां देश को पड़ रही भारी
इस हमलों को लेकर अधिकांश ध्यान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के इर्द-गिर्द केंद्रित रहा है। हालांकि, संख्याएं बताती हैं कि कई अन्य संगठन हैं, जिन्होंने पिछले एक साल में काम करना शुरू किया है। आतंकवादियों से पनाह और उन्हें संभलने का मौका देने में पाकिस्तान की पिछली गलतियों की वजह से देश को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। न्यूज रिपोर्ट ने पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व को एक सामूहिक दृष्टिकोण की मांग करने के लिए सही कहा, जिसमें पूरे देश और सरकार को आतंकवाद को खत्म करने के लिए शामिल किया गया।