पाकिस्तान में चौपट होने की आशंका से डरी टेक्सटाइल इंडस्ट्री को है भारत से आस
पाकिस्तान में जहां बाढ़ की वजह से फसलें चौपट हो गई हैं वहीं दूसरी तरफ टेक्सटाइल इंडस्ट्री को भी कपास की कमी ने चिंता में डाल दिया है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि वो भारत से आयात को मंजूरी दे।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 08 Sep 2022 01:51 PM (IST)
नई दिल्ली (एजेंसी)। पाकिस्तान में आई बाढ़ और बारिश की वजह से देश में पैदा होने वाली करीब 25 फीसद कपास बर्बाद हो गई है। ऐसे में व्यापारियों और उद्योगपतियों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है कि वो इसकी भरपाई कैसे करें। यही वजह है कि पाकिस्तान टेक्सटाइल्स एसोसिएशन ने देश के मंत्री से ये अपील की है कि वो भारत से जल्द से जल्द कपास के आयात को मंजूरी दें।
एसोसिएशन के प्रमुख का कहना है कि पूरे देश में कपास की मांग को लेकर क्या ताजा अपडेट है इसकी जानकारी तो 15 सितंबर के बाद ही मिल सकेगी। लेकिन फिलहाल देश के कपास उद्यमियों को भारत से 25 लाख बेल्स की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल से बात की है। इस्माइल से उन्हें इस बारे में दूसरे सहयोगियों से बात कर जवाब देने का आश्वासन भी दिया गया है। लेकिन दूसरी तरफ वित्त मंत्री ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा है कि भारत से कपास तभी मंगाई जाएगी जब उनके पास दूसरे विकल्प नहीं बचेंगे।
आपको बता दें कि पाकिस्तान में आई बाढ़ से वहां पर फल, सब्जियों की भारी कमी हो गई है। इस कमी को देखते हुए पिछले माह भी ये मांग उठी थी कि भारत से व्यापार को दोबार शुरू कर देना चाहिए, जिससे फल, सब्जियों की बढ़ती कीमतों पर काबू पाया जा सके। लेकिन इस्माइल का कहना है कि सरकार ने अफगानिस्तान और चीन से प्याज और टमाटर की खरीद की है। इससे कीमतों को कम करने में काफी मदद भी मिली है। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित प्रांत सिंध और बलूचिस्तान में कीमतों में गिरावट आई है। उन्होंने ये भी कहा है कि देश में इस कमी को पूरा करने के लिए सरकार की तरफ से युद्ध स्तर पर काम किए जा रहे हैं। लेकिन भारत से किसी भी चीज का आयात तभी किया जाएगा जब दूसरी जगह से इसके विकल्प शेष नहीं रहेंगे।
टेक्सटाइल एसोसिएशन का कहना है कि देश में केवल कपास का ही संकट नहीं है बल्कि इससे जुड़ी दूसरी चीजों का भी संकट है। इसकी वजह से उन्हें डर है कि वो तय समय पर अपने आर्डर की डिलीवरी कर पाएंगे। एसोसिएशन के मुताबिक सिंध और पंजाब में कपास की फसल पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। एक तरफ जहां देश का टेक्सटाइल उद्योग अपने नुकसान की आशंका से चिंता में है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की सरकार स्थानीय बाजार में स्टेट आफ आर्ट काटन सीड्स को बढ़ाने की बात कर रही है। देश के वित्त मंत्री एक तरफ भारत से व्यापार खोलने और खाद्य पदार्थों का आयात करने का समर्थन कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अन्य विकल्पों के बंद होने का इंतजार कर उद्योग जगत और कारोबारियों को असमंजस में डालने का भी काम कर रहे हैं।