Pakistan: पाकिस्तान की सैन्य अदालत में होगा आम लोगों का ट्रायल, PPP समेत कई दलों ने उठाए सवाल; बताया संविधान के खिलाफ
पाकिस्तान में नागरिकों के सैन्य ट्रायल का समर्थन करने वाले प्रस्ताव पर सियासत तेज हो गई है। पाकिस्तान के कई नेताओं ने नागरिकों के सैन्य ट्रायल का समर्थन करने वाले पाकिस्तान सीनेट के प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने इस प्रस्ताव को पाकिस्तान के संविधान के खिलाफ बताया है। विधेयक पारित किए जाने को लेकर सांसदों ने प्रस्ताव को लेकर अपना विरोध दर्ज जताया।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Tue, 21 Nov 2023 10:55 AM (IST)
एएनआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान में नागरिकों के सैन्य ट्रायल का समर्थन करने वाले प्रस्ताव पर सियासत तेज हो गई है। पाकिस्तान के कई नेताओं ने नागरिकों के सैन्य ट्रायल का समर्थन करने वाले पाकिस्तान सीनेट के प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने इस प्रस्ताव को पाकिस्तान के संविधान के खिलाफ बताया है।
मुश्ताक अहमद और रजा रब्बानी ने किया प्रस्ताव का विरोध
सीनेट में जमात-ए-इस्लामी के मुश्ताक अहमद और पीपीपी के नेता रजा रब्बानी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव का विरोध किया है। रजा रब्बानी ने कहा कि उन्होंने साल 2015 में देश में सैन्य अदालतें स्थापित करने के लिए विधेयक पर मतदान किया था, लेकिन उनका वोट पीपीपी का प्रतिनिधित्व करता है और इसलिए यह बिल शर्मनाक है।
सत्र के एजेंडे का हिस्सा नहीं था विधेयक
पीपीपी नेता रजा रब्बानी ने आगे कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी शर्मिंदगी को कभी भी महसूस नहीं किया है। उन्होंने अपनी अंतरात्मा के खिलाफ जाकर संशोधन पर मतदान किया था। वहीं, इस मामले से जुड़े सूत्रों ने खुलासा किया कि ये विधेयक सीनेट सत्र के एजेंडे का हिस्सा नहीं था और प्रस्ताव सदन में तब पेश किया गया था, जब अधिकांश सांसद गैरहाजिर थे।
सांसदों ने प्रस्ताव को लेकर जताया विरोध
वहीं, विधेयक पारित किए जाने को लेकर सांसदों ने प्रस्ताव को लेकर अपना विरोध दर्ज जताया। उन्होंने प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने का आह्वान किया। हालांकि, सीनेट के उपसभापति मिर्जा मुहम्मद अफरीदी ने कुछ ही मिनटों में सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।यह भी पढ़ें- Israel-Hamas War: क्या अब खत्म हो जाएगा गाजा-इजरायल युद्ध? हमास प्रमुख ने दिए कुछ ऐसे संकेत
क्या है प्रस्ताव?
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की संसद के उच्च सदन ने सैन्य अदालतों में नागरिकों के मुकदमे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है। यह प्रस्ताव 9 मई के दंगों के मामले में गिरफ्तार किए गए नागरिकों के सैन्य ट्रायल का समर्थन करता है।यह भी पढ़ें- Israel-Hamas War: इजरायल पर हमले के बाद बंधकों को शिफा अस्पताल ही क्यों लाया हमास, क्रूरता-बर्बरता के बीच इलाज की क्या है सच्चाई?