पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आदिवासियों पर पुलिस का बढ़ रहा अत्याचार, विरोध प्रदर्शन में जाम की गईं सड़कें
खैबर पख्तूनख्वा में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति हमेशा इस क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए चिंता का एक प्रमुख कारण रही है। यहां के पुलिस प्रशाश ने उनके जीवन के दुखों को और बढ़ा दिया है।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Tue, 20 Sep 2022 01:47 PM (IST)
खैबर पख्तूनख्वा (पाकिस्तान), एजेंसी। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा पुलिस का अत्याचार यहां रह रहे आदिवासियों पर दिन पर दिन और बढ़ता जा रहा है। पुलिस के बढ़ते अत्याचारों के विरोध में स्थानीय लोगों ने रविवार को कई घंटे तक सड़क जाम कर दिया। समाचार एजेंसी एएनआई ने पाकिस्तान के अखबार डॉन के हवाले से बताया कि आंदोलनकारियों ने मुख्य पेशावर-तोरखम राजमार्ग को लंबे समय तक बंद कर दिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थानीय लोग लगातार मांग करते रहे कि खैबर पुलिस इस क्षेत्र में अपने अत्याचारों और गैरकानूनी कामों पर रोक लगाए।
हाल ही की एक घटना में कुछ पुलिस अधिकारियों ने महिलाओं को अवैध हिरासत में रखा। पुलिस द्वारा उनके शरीर की अवैध तलाशी ली गई। इसके अलावा उनके वाहन को आगे की तलाशी के लिए एक ऑटो वर्कशॉप में भी ले जाया गया। इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों के परिवार ने महिलाओं को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लेने में शामिल अधिकारियों को निलंबित करने और उनके इन गलत कामों की संक्षिप्त जांच की मांग की है।
बता दें कि खैबर पख्तूनख्वा में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति हमेशा इस क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए चिंता का एक प्रमुख कारण रही है। यहां के पुलिस प्रशाश ने उनके जीवन के दुखों को और बढ़ा दिया है।
तख्तियां लेकर किया विरोध प्रदर्शन
हाल ही में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कुर्रम की चमकानी जनजाति पेशावर प्रेस क्लब के बाहर इकट्ठा हुई थी। इन सबने अपनी मांगों के नारों के साथ बैनर और तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके साथ ही इन्होंने सरकार से कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यावहारिक और प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता और पूर्व मंत्री मुराद सईद ने देश की शाहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार पर विभाजन की बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया है।