क्या है 1999 का लाहौर समझौता जिसपर नवाज शरीफ ने 25 साल बाद मानी गलती, अटल बिहारी वाजपेयी को भी किया याद
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) ने मंगलवार को स्वीकार किया कि इस्लामाबाद ने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के साथ किए गए समझौते का उल्लंघन किया। नवाज और वाजपेयी ने शिखर सम्मेलन के बाद 21 फरवरी 1999 को लाहौर घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे। दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता के किए यह समझौता किया गया
पीटीआई, लाहौर। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) ने मंगलवार को स्वीकार किया कि इस्लामाबाद ने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के साथ किए गए समझौते का उल्लंघन किया। वर्ष 1999 में नवाज ने वाजपेयी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। उस समय नवाज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे।
समझौते का उल्लंघन हमारी गलती थी- पूर्व पीएम शरीफ
कारगिल युद्ध के संदर्भ में जनरल परवेज मुशर्रफ पर निशाना साधते हुए नवाज ने अपनी पार्टी पीएमएल-एन की बैठक में कहा, 28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए। उसके बाद वाजपेयी साहब यहां आए और हमारे साथ एक समझौता किया, लेकिन हमने उस समझौते का उल्लंघन किया यह हमारी गलती थी।
कब हुआ था लाहौर समझौता?
गौरतलब है कि नवाज और वाजपेयी ने शिखर सम्मेलन के बाद 21 फरवरी, 1999 को लाहौर घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे। दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता के किए यह समझौता किया गया, लेकिन कुछ महीने बाद जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में पाकिस्तानी घुसपैठ के कारण कारगिल युद्ध हुआ।बिल क्लिंटन ने की थी पांच अरब अमेरिकी डॉलर की पेशकश
अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान को परमाणु परीक्षण करने से रोकने के लिए पांच अरब अमेरिकी डालर की पेशकश की थी, लेकिन मैंने इनकार कर दिया। अगर उस समय मेरे स्थान पर इमरान खान जैसे व्यक्ति पाकिस्तान के पीएम होते तो वह क्लिंटन की पेशकश स्वीकार कर लेते। - नवाज शरीफ, पूर्व प्रधानमंत्री, पाकिस्तान
पहले परमाणु परीक्षण की 26वीं वर्षगांठ मनाई
पाकिस्तान ने मंगलवार को 1998 में हुए पहले परमाणु परीक्षण की 26वीं वर्षगांठ मनाई। पाकिस्तान ने 28 मई 1998 को बलूचिस्तान प्रांत के छाघी पहाड़ियों में छह परमाणु परीक्षण किए थे। छह वर्ष बाद पीएमएल-एन के निर्विरोध अध्यक्ष बने नवाज नवाज छह वर्ष बाद मंगलवार को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुन लिए गए। पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नवाज को यह पद छोड़ना पड़ा था।पार्टी अध्यक्ष पद के लिए हुआ नवाज का नामांकन
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस महीने के शुरू में पीएमएल-एन अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था। लाहौर में पार्टी बैठक में पीएमएल-एन के निर्वाचन आयुक्त राणा सनाउल्ला ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष पद के लिए केवल नवाज का नामांकन हुआ। सभी सदस्यों ने नवाज के समर्थन किया। जनरल काउंसिल ने प्रस्ताव पारित कर 2017 में नवाज सरकार को अस्थिर करने में संलिप्त सेना के जनरलों एवं न्यायाधीशों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
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