Pakistan: पाकिस्तान सरकार की आतंकी संगठन टीटीपी को चेतावनी, कहा- बिना सरेंडर किए नहीं होगी बातचीत
पाकिस्तान ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को चेतावनी दी है। पाकिस्तान ने कहा है कि आतंकियों के सरेंडर किए बिना उनके बीच कोई बातचीत नहीं होगी। पाकिस्तानी सरकार ने उनके प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के वार्ता को फिर से शुरू करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने सूत्रों के हवाले से कहा कि टीटीपी ने हाल के दिनों में बातचीत में फिर से शामिल होने की इच्छा जताई थी, लेकिन सरकार ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया और इसके बजाय आतंकवादियों से आत्मसमर्पण करने को कहा है।
दोनों पक्षों के बीच पहले भी हुई थी बातचीत
पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल काबुल में अफगान तालिबान सरकार के आग्रह पर प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के साथ बातचीत की थी। दोनों पक्षों के बीच बातचीत में संघर्ष विराम की भी घोषणा की गई थी।
टीटीपी ने सुरक्षाबलों पर तेज किए थे हमले
हालांकि, टीटीपी ने पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख के रूप में जनरल असीम मुनीर की नियुक्ति से कुछ दिन पहले पिछले साल नवंबर में एकतरफा रूप से संघर्ष विराम को समाप्त कर दिया था। टीटीपी ने बाद में खैबर-पख्तूनख्वा के दक्षिणी जिलों पर विशेष जोर देने के साथ ही पुलिस, सुरक्षा कर्मियों और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमले तेज कर दिए थे।
पाकिस्तान ने वार्ता की पेशकश को ठुकराया
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि पिछले दौर की वार्ता के दौरान अफगानिस्तान के कार्यवाहक आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी मध्यस्थ थे। हालांकि, उन चर्चाओं में उन्होंने गारंटर की भूमिका नहीं निभाई। वरिष्ठ अधिकारी ने अखबार से कहा कि हमें ठोस गारंटी चाहिए। इसलिए जब यह पेशकश की गई तो इसे सिरे से खारिज कर दिया गया।
पाकिस्तान ने टीटीपी को दी चेतावनी
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस्लामिक आतंकी संगठन को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि आत्मसमर्पण किया जाए। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सोमवार को बताया कि पाकिस्तान ने अंतरिम अफगान सरकार से कहा था कि वह टीटीपी से बात करने पर तभी विचार कर सकता है, जब आतंकवादी संगठन आत्मसमर्पण कर दें और हथियार डाल दें।
शहबाज सरकार ने इमरान खान की पार्टी को ठहराया जिम्मेदार
वर्तमान गठबंधन सरकार ने सत्ता संभालने के बाद से देश में आतंकवाद के बढ़ते मामलों को लेकर तत्कालीन सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार और टीटीपी के बीच हुई वार्ता के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पाकिस्तान सरकार, तालिबान से टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह कर रही है। इस प्रयास के तहत तालिबान ने टीटीपी के कई नेताओं को हिरासत में लिया या उन्हें वापस भेज दिया है।
पाकिस्तानी मंत्रियों ने अफगानिस्तान यात्रा में उठाया था ये मुद्दा
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार की हाल की काबुल यात्राएं भी इस मुद्दे से जुड़ी थीं। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा के दौरान भी यह मामला उठा था। वरिष्ठ अधिकारी ने जोर देकर कहा कि अफगान तालिबान टीटीपी के खिलाफ बल प्रयोग नहीं करेगा, और पाकिस्तान का टीटीपी ठिकानों को नष्ट करने के लिए अफगानिस्तान में प्रवेश करने का कोई इरादा नहीं था।