कुत्तों के आतंक से दहशत में पाकिस्तानी, जानें इमरान ने क्यों लगाई तुर्की से गुहार
आतंकवाद बोने वाला पाकिस्तान इन दिनों आवारा कुत्तों से खौफ में है। मुल्क में कुत्तों के काटने की घटनाओं में इजाफा हुआ है। आइये जानें इमरान ने क्यों लगाई है तुर्की से गुहार...
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Wed, 16 Oct 2019 08:22 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। आतंकवाद की खेती करने वाला पाकिस्तान इन दिनों कुत्तों के आतंक से खौफजदा है। आलम यह है कि पाकिस्तानी रात को अकेले घरों से निकलने में परहेज करने लगे हैं। पाकिस्तानी चैनल जिओ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, मुल्क में कुत्तों के काटने के मामलों में भारी इजाफा हुआ है। यही नहीं पाकिस्तान मच्छरों के आतंक से भी परेशान है। देश में डेंगू के मामले बढ़े हैं जिससे अर्थव्यवस्था पर करारी चोट पड़ी है। आइये जानते हैं कि पाकिस्तान किस तरह बीमारियों से परेशान है और इमरान खान इसके लिए क्या कदम उठा रहे हैं।
कराची में दहशत जिओ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, कराची में एक कुत्ते ने 25 लोगों को काट लिया। पहले तो लोगों ने इसे सामान्य घटना माना लेकिन मंगलवार की सुबह उस कुत्ते के मृत पाए जाने पर हड़कंप मच गया। पुलिस ने बताया कि कुत्ता रेबीज से संक्रमित था, इसका पता चलते ही लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इसी तरह लियाकताबाद में भी रेबीज संक्रमण के 12 मामले सामने आए। यही नहीं अब्बासी शहीद अस्पताल में 23 मामले सामने आए।
घरों में रहने की नसीहत पाकिस्तान की वेबसाइट दुनिया न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल कराची में 12 लोगों की मौत रेबीज संक्रमण से हो चुकी है। प्रशासन ने एफसी इलाके में लोगों को बेहद जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलने को कहा है। पुलिस अन्य विभागों के कर्मचारियों के साथ इलाकों में रेबीज से संक्रमित कुत्तों की तलाश कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंध सरकार के अधिकारी शहर में आवारा कुत्तों के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू करने में विफल रहे हैं।
डेंगू की चपेट में 50 हजार लोग हाल के कराची में आवारा कुत्तों का आतंक ऐसा है कि बीते कुछ ही हफ्तों में सैकड़ों मामले दर्ज किए गए हैं। इससे इतर पाकिस्तान मच्छरों के आतंक से भी सन्न है। मुल्क में डेंगू पीड़ितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 50 हजार लोग डेंगू की चपेट में है। सबसे ज्यादा डेंगू पीड़ित रावलपिंडी और इस्लामाबाद में दर्ज किए गए हैं। यही नहीं अभी तक देश में 250 लोग डेंगू से अपनी जान गंवा चुके हैं।
भारत से व्यापार तोड़ने का भुगत रहा खामियाजा अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने भारत से व्यापारिक रिश्ता तोड़ लिया था जो अब उस पर भारी पड़ रहा है। दरअसल, पाकिस्तान में जीवन रक्षक दवाओं, सांप और कुत्ते के जहर से बचाने वाली वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग नहीं होती है। इन दवाओं के लिए वह काफी हद तक के लिए भारत पर निर्भर है। चूंकि चीन से भी पाकिस्तान को इन दवाओं की सप्लाई नहीं हो रही है, इसलिए वहां एंटी रेबीज दवाओं की भारी कमी हो गई है।
'कोढ़ में खाज' जैसी स्थिति पाकिस्तानी अधिकारियों की मानें तो भारत से आए वैक्सीन की कीमत छह डालर (लगभग 450 रुपये) है, जबकि यूरोप से आए वैक्सीन की कीमत 446 डालर (लगभग 32 हजार रुपये) बैठती है। सिंध प्रांत और राजधानी कराची के सरकारी अस्पतालों में इन दवाओं की कमी है। ऐसे में पाकिस्तान के पास विदेश से दवाएं मंगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जानकारों की मानें तो आर्थिक तंगी से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए यह स्थिति कोढ़ में खाज जैसी है।
तुर्की को साधने की कवायद पहले पाकिस्तानी मरीज इलाज कराने के लिए भारत का रुख करते थे। लेकिन जब से कश्मीर मसले पर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है पाकिस्तानियों को भारतीय वीजा नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। ऐसे में इमरान खान ने अब तुर्की से गुहार लगाई है। माना जा रहा है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसप तैयप एर्दोगान के पाकिस्तान दौरे पर स्वास्थ्य वीजा पर समझौते का ऐलान किया जा सकता है। इमरान खान ने तुर्की के राष्ट्रपति को साधने की कोशिशें भी शुरू कर दी हैं। सीरिया में तुर्की की कार्रवाई का समर्थन करना इमरान की इन्हीं कवायदों का हिस्सा माना जा रहा है।