Pakistani journalist as ISI Agent: पाकिस्तानी पत्रकार का सनसनीखेज खुलासा, कांग्रेस शासन में भारत से आइएसआइ के लिए जुटाई थीं खुफिया जानकारियां
Pakistani journalist as ISI Agent पाकिस्तान के जाने-माने स्तंभकार नुसरत मिर्जा ने एक इंटरव्यू में यह कहकर सनसनी फैला दी है कि उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल में कई बार भारत आकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए कई अहम जानकारियां जुटाई थीं।
By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Mon, 11 Jul 2022 10:34 PM (IST)
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान के जाने-माने स्तंभकार नुसरत मिर्जा ने एक इंटरव्यू में यह कहकर सनसनी फैला दी है कि उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल में कई बार भारत आकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए कई अहम जानकारियां जुटाई थीं। उन्हें तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के कार्यकाल में कई बार भारत आने का न्योता दिया गया।
नुसरत मिर्जा का दावा-हामिद अंसारी के कार्यकाल में कई बार मिला भारत आने का न्योता
मिर्जा ने ये बातें पाक में यू-ट्यूब चैनल चलाने वाले शकील चौधरी को दिए इंटरव्यू में कही हैं। पत्रकार नुसरत मिर्जा ने कहा कि वह पांच बार भारत दौरे पर गए हैं। उन्होंने 2011 के दौरे का जिक्र किया है। इस इंटरव्यू में मिर्जा ने भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का नाम लिया है। अंसारी 2007 से 2017 तक 12वें उपराष्ट्रपति थे। अंसारी ने कहा, मुझे उनके कार्यकाल में भारत आमंत्रित किया गया था। जब मैं वापस लौटकर पाकिस्तान गया तो आइएसआइ के अफसर ने उन्हें कहा कि जो भी जानकारी उन्होंने इकट्ठा की है वह आइएसआइ के नए चीफ जनरल कियानी को दें।'
पांच बार के भारत दौरे में पाकिस्तान से सात शहरों के लिए मिलता था वीजाइस पर मिर्जा ने उनके अनुरोध को ठुकरा दिया और कहा कि वह खुद कियानी को ये जानकारी दे दें। मिर्जा को पाकिस्तान के विदेश विभाग से भारत का वीजा हासिल करने में कई विशेषाधिकार मिले हुए थे। आमतौर पर पाकिस्तानियों को भारत जाने पर केवल तीन शहरों के लिए वीजा मिलता है। लेकिन मिर्जा को दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, पटना और कोलकाता समेत सात शहरों के लिए वीजा मिलता था। उनका कहना है कि वह आखिरी बार मिल्ली गैजेट अखबार के मालिक फजरुल इस्लाम के न्योते पर भारत गए थे।
यहां पर उन्हें कई जानकारियां मिली थीं, जो उन्होंने आइएसआइ के मुखिया को दी थीं। मिर्जा की मानें तो आइएसआइ के पास भारत के हर शहर की जानकारी है और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लोग इन शहरों में बतौर एजेंट काम कर रहे हैं। मिर्जा ने बताया कि जिस समय कांग्रेस का शासन भारत में था, उस समय वह आतंकवाद पर हुए एक सेमिनार में शामिल होने के लिए भारत आए थे। भारत में उर्दू अखबारों के तमाम संपादक उनके मित्र हैं।