पाकिस्तानी मीडिया ने पीएम मोदी के नेतृत्व को सराहा, कहा- भारत दुनिया का सबसे प्रासंगिक देश
पाकिस्तानी मीडिया ने पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की है। उसका कहना है कि अपने वैश्विक प्रभाव से भारत दुनिया का सबसे प्रासंगिक देश बन गया है। उसकी जीडीपी तीन लाख करोड़ डालर के पार हो गई है। वह निवेशकों के लिए पसंदीदा स्थान भी है।
इस्लामाबाद, एएनआइ : पहली बार एक प्रमुख पाकिस्तानी अखबार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और विश्व मंच पर देश के बढ़ते कद की सराहना की है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा है कि पीएम मोदी ने भारत को उस मुकाम तक पहुंचा दिया है, जहां से देश ने अपनी प्रभुता और प्रभाव का विस्तृत जाल फैलाना शुरू किया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने विदेश नीति के मोर्चे पर अपना स्वयं का प्रभा मंडल स्थापित कर लिया है।
'विश्व में सबसे प्रासंगिक देश बन गया है भारत'
समाचारपत्र ने यह भी कहा है कि वर्तमान समय में भारत अपने आकार और परिधि को लेकर ही नहीं, बल्कि अपने संपूर्ण वैश्विक प्रभाव को लेकर विश्व में सबसे प्रासंगिक देश बन गया है। इससे पहले, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान कई बार भारत की विदेश नीति की सराहना कर चुके हैं।
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'भारत की जीडीपी तीन लाख करोड़ डालर के पार'
ट्रिब्यून में राजनीतिक विश्लेषक शहजाद चौधरी ने लिखा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति का कौशलपूर्वक प्रयोग किया गया है और देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) तीन लाख करोड़ डालर के पार पहुंच चुका है। 'मोदी ने ब्रांड इंडिया बनाने के लिए जो कुछ किया है, वह उनसे पहले कोई नहीं कर सका।
'भारत संबंधी अपनी नीति पर पुनर्विचार करे पाकिस्तान'
शहजाद ने पाकिस्तान को अपनी भारत संबंधी नीति पर पुनर्विचार करने की सलाह दी। कहा, भारत के पास 600 अरब डालर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जबकि पाकिस्तान के पास मात्र 4.5 अरब डालर है। हालत यह है सऊदी अरब ने जहां भारत में 72 अरब डालर से ज्यादा का निवेश करने की घोषणा की है, तो पाकिस्तान में सिर्फ सात अरब डालर निवेश का वादा किया है।
'भारत के सहयोगी के रूप में खड़ी हैं दो सैन्य महाशक्तियां'
शहजाद ने लिखा है कि यूक्रेन युद्ध के बीच दो सैन्य महाशक्तियां अमेरिका और रूस भारत के साथ खड़ी हैं। दोनों विरोधी महाशक्तियां दावा कर रही हैं कि भारत उसका सहयोगी है। रूस पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा रखा है और भारत को छोड़ कोई भी उसके साथ स्वतंत्र रूप से कारोबार नहीं कर सकता। रूस से भारत तेल खरीद रहा है और उसका निर्यात कर रहा है।
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