Pakistan: Al-Qaeda में विलय करना चाह रहा TTP, आतंकी संगठनों की स्थिति पर सुरक्षा परिषद में पेश हुई रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश की गई एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान का प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) वैश्विक आतंकी संगठन अल कायदा में विलय करना चाह रहा है। संयुक्त राष्ट्र के कुछ सदस्य देशों ने यह चिंता जताई है कि टीटीपी अब अफगानिस्तान में सक्रिय तालिबान का संरक्षकत्व त्याग देना चाहता है।UN की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में कई आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 29 Jul 2023 07:13 PM (IST)
इस्लामाबाद, एएनआई। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) वैश्विक आतंकी संगठन अल कायदा में विलय करना चाह रहा है। टीटीपी यह भी विचार कर रहा है कि दक्षिण एशिया में सक्रिय सभी आतंकी संगठन एक बैनर के नीचे आ जाएं, जिससे उन्हें तालमेल बनाकर वारदात करने में आसानी हो।
संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने जताई चिंता
संयुक्त राष्ट्र के कुछ सदस्य देशों ने यह चिंता जताई है कि टीटीपी अब अफगानिस्तान में सक्रिय तालिबान का संरक्षकत्व त्याग देना चाहता है। इससे टीटीपी पर नियंत्रण के संबंध में किसी से भी बात नहीं की जा सकेगी। तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता में होने की वजह से उसके नेताओं से बात करना और उन पर कुछ हद तक दबाव बनाना आसान है।
आतंकी वारदातों पर नजर रखने वाली समिति ने तैयार की रिपोर्ट
सुरक्षा परिषद में जो रिपोर्ट पेश हुई है उसे संयुक्त राष्ट्र की उस समिति ने तैयार किया है जो विश्व में होने वाली आतंकी वारदातों पर नजर रखती है और उन पर अपना मंतव्य बनाती है। रिपोर्ट में पाकिस्तान की उस शिकायत का भी जिक्र है, जिसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान के आने के बाद टीटीपी का प्रभाव बढ़ा है।तालिबान ने रिपोर्ट को मानने से किया इनकार
रिपोर्ट में कहा गया है कि अल कायदा और टीटीपी में विलय के बाद वैश्विक आतंकी संगठन टीटीपी को पाकिस्तान में हमले करने के नए तरीके सुझा सकता है और कई सुविधाएं मुहैया करा सकता है। लेकिन अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ तालिबान ने सुरक्षा परिषद में पेश हुई रिपोर्ट को नकार दिया है। कहा है कि अफगानिस्तान में अल कायदा की मौजूदगी नहीं है। इसलिए उसके और टीटीपी के विलय का सवाल पैदा नहीं होता है।