'सत्ता परिवर्तन के षड्यंत्र की भारी कीमत चुका रहे हैं पाकिस्तानी', इमरान खान बोले- नई ऊंचाई तक पहुंचेगी महंगाई
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के चेयरमैन ने पाकिस्तानी रुपये का गला घोंटने का आरोप लगाया और कहा कि इससे सार्वजनिक ऋण बढ़ेगा और परिणामस्वरूप कमरतोड़ महंगाई नई ऊंचाई तक पहुंचेगी। उधर अंतरराष्ट्रीय बाजार में गुरुवार को डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये 18.74 रुपये गिर गया।
इस्लामाबाद, पीटीआई। Pakistan Economic Crisis: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तानी सत्ता परिवर्तन के लिए रची गई साजिश की भारी कीमत चुका रहे हैं। इमरान ने गुरुवार को पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा पर नया निशाना साधा और उन पर कई अपराधियों की सत्ता में आने में सहायता करने का आरोप लगाया।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के चेयरमैन ने पाकिस्तानी रुपये का गला घोंटने का आरोप लगाया और कहा कि इससे सार्वजनिक ऋण बढ़ेगा और परिणामस्वरूप कमरतोड़ महंगाई नई ऊंचाई तक पहुंचेगी। उधर अंतरराष्ट्रीय बाजार में गुरुवार को डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये 18.74 रुपये गिर गया।
विश्लेषकों ने इस रिकॉर्ड गिरावट के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ पाकिस्तान सरकार के गतिरोध को जिम्मेदार ठहराया।
कोर्ट ने इमरान समर्थक पूर्व जनरल को रिहा करने का आदेश दिया
इस्लामाबाद के जिला एवं सत्र न्यायालय ने इमरान के समर्थक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अमजद शोएब के विरुद्ध आरोप निरस्त कर दिए और पुलिस को उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। अमजद को इस्लामाबाद पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया था और तीन दिन की हिरासत समाप्त होने के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया था। अमजद पर लोगों को राष्ट्रीय संस्थानों के विरुद्ध भड़काने का आरोप था।
पाकिस्तान में 10 लाख श्रमिकों की जाएगी नौकरी
पाकिस्तान में व्याप्त आर्थिक संकट की आंच धीरे-धीरे देश के प्रत्येक हिस्से में फैलने लगी है। अब ऐसी आशंकाएं जताई जा रही हैं कि पाकिस्तान के कई उद्योग अपने कर्मचारियों की छंटनी करने वाले हैं। इस छंटनी का कपड़ा क्षेत्र में ज्यादा प्रभाव होने की संभावना है। समाचार आउटलेट द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार, पाकिस्तान के कपड़ा निर्यात में 14.8 प्रतिशत की गिरावट आई है।
नेशनल ट्रेड यूनियन फेडरेशन पाकिस्तान (NTUF) के महासचिव नासिर मंसूर ने आशंका जताई कि पाकिस्तान में लगभग 10 लाख अनौपचारिक श्रमिक बेरोजगार हो जाएंगे। इनमें से ज्यादातर श्रमिक कपड़ा क्षेत्र से संबंधित हैं। ऐसे में संकट और भी ज्यादा गहरा सकता है।