Pakistan Economy : रूस-यूकेन युद्ध से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डूबने के कगार पर, कहीं श्रीलंका जैसे ना हो जाएं हालात
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डूबी तो इसका असर पड़ोसी अफगानिस्तान पर भी पड़ना निश्चित है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान वर्तमान में भारी मुद्रास्फीति से जूझ रहा है और उसका व्यापार घाटा भी देश की दयनीय स्थिति को दर्शाता है।
By Praveen Prasad SinghEdited By: Updated: Tue, 19 Jul 2022 08:21 PM (IST)
इस्लामाबाद, एजेंसी : दशकों के भ्रष्टाचार, आर्थिक कुप्रबंधन व अस्थिर सरकारों के चलते पहले ही खस्ताहाल हो चुकी पाकिस्तान की अर्थव्यस्था रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अब खतरनाक अवस्था में पहुंच चुकी है। एक रिपोर्ट में युद्ध जारी रहने पर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के डूबने की आशंका व्यक्त की गई है। वाशिंगटन स्थित नेशनल इंटरेस्ट पत्रिका के सीनियर फेलो माइकल रबिन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अब डूबने की कगार पर है।
इस्लामाबाद को रूस और यूक्रेन दोनों से गेहूं चाहिएरिपोर्ट में कहा गया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर कई तरह के नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। युद्ध केवल यूरोप के लिए नहीं बल्कि सटे हुए मध्य पूर्व देशों के लिए भी घातक है। रिपोर्ट में यूक्रेन युद्ध के बीच पाकिस्तान की जरूरतों की ओर भी ध्यान खींचा गया है। कहा गया है कि इस्लामाबाद को रूस और यूक्रेन दोनों से गेहूं चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई, 2020 से जनवरी, 2021 के बीच पाकिस्तान, इंडोनेशिया और मिस्र के बाद यूक्रेन का तीसरा सबसे बड़ा गेहूं का उपभोक्ता था। इसके अलावा पाकिस्तान की महंगाई, विदेशी मुद्रा की कमी व रुपये के लगातार गिरने की ओर भी ध्यान खींचा गया है।अफगानिस्तान पर भी पड़ेगा असर
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डूबी तो इसका असर पड़ोसी अफगानिस्तान पर भी पड़ना निश्चित है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान वर्तमान में भारी मुद्रास्फीति से जूझ रहा है और उसका व्यापार घाटा भी देश की दयनीय स्थिति को दर्शाता है। जून तक पाकिस्तान का व्यापार घाटा 50 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया जो कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 57 प्रतिशत अधिक है। यह ऐसी स्थिति नहीं है जिसे अलग-थलग करके देखा जाना चाहिए। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के चरमराने का असर अफगानिस्तान पर भी पड़ेगा।
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान के चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इन्वेस्टमेंट (एसीसीआई) ने कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के पतन का अफगानिस्तान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। एसीसीआई के एक सदस्य साजिद खानजन अलिकोजई ने कहा, "अगर अफगानिस्तान में गेहूं और आटे की कीमतें सस्ती हैं, तो इसकी तस्करी की जाएगी, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई चिंता नहीं है, और इसमें कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।'
लेख में कहा गया है कि तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने पाकिस्तान को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, इसके आयात की लागत 2020 और 2021 के बीच 85 प्रतिशत से अधिक बढ़कर लगभग 5 बिलियन अमेरिकी डालर हो गई है।