पाकिस्तान के अंतिम कैदी ग्वांतानामो खाड़ी जेल से रिहा, अलकायदा के साथ संबंध होने पर हुई थी 30 साल की जेल
पाकिस्तान के अंतिम नागरिक सैफुल्ला पाराचा (Saifullah Paracha) क्यूबा में अमेरिकी हिरासत शिविर से रिहा होने के बाद शनिवार को अपने देश लौट आया। पाराचा को लगभग 20 सालों से ग्वांतानामो खाड़ी डिटेंशन कैंप में रखा गया गया था।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 29 Oct 2022 05:27 PM (IST)
इस्लामाबाद, एएनआइ। ग्वांतानामो खाड़ी जेल में करीब 20 वर्ष कैद रहने के बाद पाकिस्तानी कैदी सैफुल्ला पराचा शनिवार को अपने देश लौट आया। क्यूबा में स्थित अमेरिका की इस बदनाम जेल में वह अंतिम पाकिस्तानी नागरिक था। 74 साल के सैफुल्ला को अलकायदा से जुड़े होने के संदेह में 2003 में बैंकाक में गिरफ्तार किया गया था। उसे 30 वर्ष जेल की सजा सुनाई गई थी। इससे पहले समा न्यूज ने पाराचा को ग्वांतानामो के डिटेंशन कैंप में रहने वाले आखिरी पाकिस्तानी बताया था।
जेल से किया गया रिहा
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताय कि प्रत्यावर्तन की सुविधा के लिए व्यापक अंतर-एजेंसी प्रक्रिया के बाद सैफुल्ला को उच्च सुरक्षा वाली जेल से रिहा कर दिया गया। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तानी नागरिक सैफुल्ला पराचा को ग्वांतानामो खाड़ी में हिरासत के बाद उसको रखा गया था अब उसको रिहा कर दिया गया है। वह शनिवार को पाकिस्तान पहुंच गया है। बयान में आगे कहा गया है कि पाराचा के प्रत्यावर्तन की सुविधा के लिए अंतर-एजेंसी प्रक्रिया पूरी की गई।
2001 के आतंकवादी हमलों के बाद बनाया गया जेल
मालूम हो कि ग्वांतानामो बे डिटेंशन कैंप ग्वांतानामो खाड़ी नेवल बेस के अंदर मौजूद एक संयुक्त राज्य की सैन्य जेल है। इसको ग्वांतानामो जीटीएमओ भी कहा जाता है। इस जेल को अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए हमलों के बाद विदेशों से पकड़े गए आतंकवाद के संदिग्धों को बंद करने के लिए राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश (George W. Bush) द्वारा बनाया गया था।30 साल की हुई थी सजा
मालूम हो कि इससे पहले पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय (Interior Ministry) के अधिकारियों ने मानवाधिकार पर सीनेट की स्थायी समिति को बताया कि सैफुल्ला पाराचा को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा। इस दौरान उनके बेटे मुस्तफा स्थायी समिति की बैठक में पेश हुए जो अमेरिकी सैन्य जेल में बंद पाकिस्तानी नागरिकों के मुद्दे पर चर्चा कर रही थी। इस बैठक में उनके बेटे ने पाक समिति को बताया था कि उनका परिवार जन्म से ही पाकिस्तानी है। मुस्तफा ने बताया कि उनके पिता और उनके भाई को साल 2003 में थाईलैंड और न्यूयार्क से गिरफ्तार किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें 30 साल कैद की सजा सुनाई गई थी।
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