Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

बदहाल पाकिस्‍तान में आम लोगों के ऊपर पड़ने वाली है महंगाई की मार, 233 रुपये प्रति लीटर होगी पेट्रोल की कीमत

Petrol Price Hike पाकिस्‍तान में अगले महीने की शुरुआत से ही पेट्रोल की कीमत 233 रुपये हो जाएगी। सरकार ने इसका ऐलान करते हुए इसकी वजह को लेकर सफाई भी दी है। नई कीमतों के बढ़ने से पहले ही स्‍थानीय बाजारों में चीजों के दाम बढ़ गए हैं।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 16 Aug 2022 09:33 AM (IST)
Hero Image
पाकिस्‍तान में आम आदमी पर बढ़ती कीमतों की मार

इस्‍लामाबाद (एएफपी)। बदहाल होते पाकिस्‍तान में आम लोगों के ऊपर एक बार फिर सरकार फोड़ने वाली है। ये बम सरकार द्वारा पेट्रोल की कीमतों में की गई तेजी की बदौलत फूटने वाला है। सरकार ने सितंबर में पेट्रोल की कीमतों में 6.72 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। इस बढ़ोतरी के साथ पेट्रोल की कीमत 227 से बढ़कर 234 रुपये हो जाएगी। आम लोगों को राहत देने के नाम पर सरकार ने हाईस्‍पीड डीजल की कीमत में 51 पैसे की और कैरोसीन की कीमत में 1.67 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने का भी ऐलान किया है। इसके बदलाव के बाद डीजल की कीमत 192 रुपये और हाईस्‍पीड डीजल की कीमत 245 रुपये प्रति लीटर, कैरोसीन की कीमत 199.40 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी।  हो जाएगी।। 

बता दें कि पहले से ही पाकिस्‍तान बदहाली की कगार पहुंच हुआ है। खराब होती अर्थव्‍यवस्‍था में लोगों को पहले से ही भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने पेट्रोल की कीमतों को बढ़ाने के पीछे तर्क दिया है कि अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों और एक्‍सचेंट रेट में आ रहे बदलाव के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है। सरकार पेट्रोल पर 20 रुपये प्रति लीटर और हाईस्‍पीड डीजल पर 10 रुपये की लेवी ले रही है। आपको बता दें कि 1 अगस्‍त को ही सरकार ने हाईस्‍पीड डीजल पर 9 रुपये और कैरोसीन पर 5 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की थी।  

सरकार के ताजा फैसले के बाद स्‍थानीय बाजारों में जरूरी चीजों के दामों में अभी से ही उछाल देखने को मिल गया है। सब्जियों से लेकर फल, दूध, ब्रेड आदि के दामों में तेजी देखी जा रही है। हालांकि सरकार ने नए रेट 1 सितंबर से ही लागू करने की बात कही है। ब्‍लूमबर्ग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान में रुपये की खराब हालत की वजह से महंगाई दर में 24.93 फीसद का इजाफा हुआ है। जुलाई में खाद्य पदार्थों पर ये दर 28 फीसद से भी अधिक की रही है।