पाक सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर एक्ट में संशोधन की योजना, जटिल प्रक्रिया को आसान करना है लक्ष्य
पाकिस्तान सरकार सेना प्रमुख की नियुक्ति और उन्हे बनाए रखने में प्रधानमंत्री को और अधिकार देने के लिए 1952 के सेना अधिनियम में संशोधन करने की योजना बना रही है। रक्षा मंत्री ख्वाजा एम आसिफ ने इसकी पुष्टि की है लेकिन मीडिया में इसे सनसनी न बनाने की अपील की।
By Amit SinghEdited By: Updated: Thu, 17 Nov 2022 09:47 PM (IST)
इस्लामाबाद, प्रेट्र: पाकिस्तान सरकार सेना प्रमुख की नियुक्ति और उन्हे बनाए रखने में प्रधानमंत्री को और अधिकार देने के लिए 1952 के सेना अधिनियम में संशोधन करने की योजना बना रही है। रक्षा मंत्री ख्वाजा एम आसिफ ने इसकी पुष्टि की है, लेकिन मीडिया में इसे सनसनी न बनाने की अपील की। रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि, सरकार पाकिस्तान आर्मी एक्ट में कोई बड़ा बदलाव करने पर विचार नहीं कर रही है। प्रस्तावित संशोधन पैकेज 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार आवश्यक है, जिसमें सेवा प्रमुखों के कार्यकाल पर कानून बनाने का आह्वान किया गया था।
नवंबर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं बाजवा
पाकिस्तान सेना अधिनियम (पीएए) 1952 के संशोधन से प्रधानमंत्री को एक जटिल संवैधानिक प्रक्रिया के बजाय एक साधारण अधिसूचना के साथ एक मौजूदा सेना प्रमुख को बनाए रखने का अधिकार मिलने की उम्मीद है। इसमें राष्ट्रपति की सहमति की भी आवश्यकता होती है। उल्लेखनीय है कि जनरल कमर जावेद बाजवा तीन साल के सेवा विस्तार के बाद 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
शहबाज ने माना कि आतंकवाद देश की सबसे बड़ी समस्या
एएनआइ के अनुसार, आखिरकार पीएम शहबाज ने स्वीकार कर लिया कि आतंकवाद पाकिस्तान की बड़ी समस्या है। लक्की मरवात में पुलिस वैन पर हमले की निंदा करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि आतंकवाद पाकिस्तान की सबसे बड़ी समस्या है।इमरान के विरोध मार्च को रोकने की याचिका खारिज
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के विरोध मार्च को रोकने की मांग वाली याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। सत्तारूढ़ गठबंधन के सीनेटर कामरान मुर्तजा ने एक याचिका दायर पाकिस्तान तहीरीक-ए-इंसाफ की हकीकी आजादी लांग मार्च को रोकने की मांग की थी। मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इसे खारिज करते हुए कहा कि यह एक सियासी मसला है इस पर राजनीतिक ढंग से निपटाया जा सकता है। उधर, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा है कि हम पहले भी कह चुके हैं कि इमरान के विदेशी साजिश के आरोप में कोई सच्चाई नहीं है और अब फिर कह रहे हैं।