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पीएम मोदी को क्यों मिला पाकिस्तान जाने का निमंत्रण, PAK सरकार का राजनीतिक स्टंट या कुछ और? जानिए वजह

Pakistan Invitation to PM Modi पाकिस्तान की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट्स (सीएचजी) की बैठक में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा है। ऐसे में पाकिस्तान में इसे लेकर बहस छिड़ गई है कि क्या यह वहां की सरकार का राजनीतिक स्टंट है। पाक के विशेषज्ञों ने इसका जवाब दिया है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 26 Aug 2024 12:02 AM (IST)
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विश्लेषकों का मानना है कि यह केवल एक प्रोटोकॉल है। (File Image)

इस्लामाबाद, आईएएनएस। विश्लेषकों का मानना है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट्स (सीएचजी) की बैठक के लिए पाकिस्तान की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निमंत्रण प्रोटोकॉल है, कोई राजनीतिक स्टंट नहीं।

समाचार एजेंसी आईएनएस ने पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि मेजबान होने के नाते यह औपचारिक निमंत्रण है और मेजबान देश की ओर से बैठक (15-16 अक्टूबर) के सभी सदस्य देशों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया का हिस्सा है।

'प्रोटोकॉल का हिस्सा'

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने एजेंसी से कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और अन्य सभी सदस्य देशों को निमंत्रण देना एक अनिवार्य प्रोटोकॉल है, जिसका पालन हर मेजबान देश करता है। पाकिस्तान ने भी यही किया है। मैं इसे राजनीतिक स्टंट के तौर पर नहीं देखता।'

'पीएम मोदी के पाकिस्तान आने की संभावना नहीं'

हालांकि उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी के इस्लामाबाद आने की संभावना नहीं देखता। उन्होंने दावा किया, 'पिछले एक दशक से भारत सरकार की नीति ने पाकिस्तान के साथ संबंध सामान्य बनाने की दिशा में किसी भी पहल को लगातार पीछे ही रखा है। संभावना है कि भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी एक मंत्री स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेज सकते हैं, क्योंकि एससीओ बैठक में भाग लेने के लिए राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति आवश्यक नहीं होती।'

अतीत में भी एससीओ सीएचजी बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व मंत्री स्तरीय दलों ने किया है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत आए थे।