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Pakistan: 'IMF के साथ अगला समझौता पाकिस्तान के इतिहास में आखिरी होगा', PM शरीफ ने विदेशी सहायता समाप्त करने का लिया संकल्प

Pakistan on Debt पाकिस्तान पहले से ही कर्ज में डूबा हुआ है। पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International monetary fund) के साथ 6 से 8 बिलियन डॉलर के कर्ज के लिए बातचीत कर रहा है। इस बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कसम खाई है कि यह पाकिस्तान के इतिहास में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ आखिरी समझौता होगा।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Sun, 16 Jun 2024 03:29 PM (IST)
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प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान द्वारा लिए गए कर्ज पर लिया संकल्प (फाइल फोटो)

पीटीआई, इस्लामाबाद। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) ने विदेशी सहायता और आईएमएफ बेलआउट पर पाकिस्तान की निर्भरता समाप्त करने और आर्थिक गतिविधि में पड़ोसी देशों से आगे निकलने का संकल्प लिया है। इसके साथ ही उन्होंने नकदी की कमी से जूझ रही सरकार के खर्चों को कम करने और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए कई साहसिक सुधारों की रूपरेखा पेश की।

शरीफ ने शनिवार को राष्ट्र को संबोधित किया और उम्मीद जताई कि बेलआउट पैकेज के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ अगला समझौता पाकिस्तान के इतिहास में आखिरी होगा।

ऋण के लिए फिर IMF से चल रही है बातचीत 

पाकिस्तान सरकार वर्तमान में आईएमएफ के साथ 6 से 8 अरब अमेरिकी डॉलर के बीच ऋण के लिए बातचीत कर रही है, क्योंकि वह धीमी गति वाली अर्थव्यवस्था में चूक को रोकने का प्रयास कर रही है। शरीफ ने इस बात पर जोर दिया कि हर पैसा देश और उसके लोगों की प्रगति पर खर्च किया जाएगा। पीएम ने खर्च कम करने और पांच साल के भीतर युवाओं को शिक्षा और कौशल प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

अपने पड़ोसी देशों से निकल जाएंगे आगे 

प्रधानमंत्री ने टेलीविजन पर दिए गए संबोधन में कहा, "इंशाअल्लाह, यह पाकिस्तान के इतिहास में आईएमएफ का आखिरी कार्यक्रम होगा। हम अपने पैरों पर खड़े होंगे और आर्थिक गतिविधियों में अपने पड़ोसी देशों से आगे निकल जाएंगे।"

पीएम ने 100 दिन पूरे होने पर राष्ट्र को किया संबोधित

शरीफ अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे। शरीफ ने पांच अन्य दलों के साथ गठबंधन बनाने और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में डालकर राजनीतिक वापसी करने की संभावनाओं को विफल करने के बाद 4 मार्च को शपथ ली थी। शरीफ ने कहा कि दुनिया में ऐसे देश हैं जिन्होंने एक बार आईएमएफ से सहायता मांगी और फिर कभी इसकी जरूरत नहीं पड़ी।

हमने आईएमएफ से 24 से 25 बार संपर्क किया

पीएम शरीफ  ने आगे कहा, "हमने आईएमएफ से 24 से 25 बार संपर्क किया है। मैं आज आपको आश्वस्त करता हूं कि अगर हम अपने कार्यक्रम और लक्ष्यों पर कायम रहे तो आईएमएफ के साथ अगला समझौता पाकिस्तान के इतिहास का आखिरी समझौता होगा।"

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