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Pakistan: नवाज के सामने खड़ा हुआ बड़ा संकट; सत्ता साझेदारी फॉर्मूले पर विफल रही वार्ता, जरदारी को इन पदों की लालसा

Pakistan Elections नवाज शरीफ और बिलावल फुट्टो-जरदारी के बीच सत्ता साझेदारी फॉर्मूले पर बातचीत विफल रही है। अब तक हुई वार्ता में फॉर्मूले को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों की ओर से रखे गए प्रस्तावों पर गहन चर्चा की गई लेकिन मौजूदा मामलों को अंतिम रूप देने के लिए और विचार-विमर्श की आवश्यकता है।

By Agency Edited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 18 Feb 2024 03:53 PM (IST)
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (फाइल फोटो)
पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान में चुनाव संपन्न हुए नौ दिन बीत चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री कौन बनेगा? ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के बीच सत्ता साझेदारी फॉर्मूले पर बातचीत विफल रही। अबतक दोनों पक्षों के बीच तीन दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन फॉर्मूले को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।

संपर्क एवं समन्वय समितियों की बैठक

दोनों दलों की संपर्क एवं समन्वय समितियों (CCC) के बीच शनिवार को हुई तीसरी बैठक बेनतीजा रही और दोनों दलों ने सत्ता-साझेदारी फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार को एक बार फिर मिलने का फैसला किया। इस बैठक के बाद पीएमएल-एन ने एक बयान जारी कर कहा,

मजबूत लोकतांत्रिक सरकार की आवश्यकता पर जोर देते हुए दोनों पक्षों के साथ बातचीत में अहम प्रगति हुई है।

एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों की ओर से रखे गए प्रस्तावों पर गहन चर्चा की गई, लेकिन मौजूदा मामलों को अंतिम रूप देने के लिए और विचार-विमर्श की आवश्यकता है। हालांकि, दोनों पक्षों ने पर्याप्त प्रगति हासिल की।

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नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएल-एन ने शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया है।

आम चुनाव परिणाम

सनद रहे कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी द्वारा समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों ने नेशनल असेंबली की 265 में से 93 सीटों पर कब्जा किया। वहीं, पीएमएल-एन को 75 और पीपीपी को 54 सीटों पर जीत मिली। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (MQM-P) ने भी 17 सीटों पर बाजी मार ली।

सरकार बनाने की कवायद तेज

पीटीआई लगातार आम चुनाव में 'धांधली' के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर रही है, जबकि पीएमएल-एन, पीपीपी और एमक्यूएम-पी ने मिलकर सरकार बनाने की कवायद तेज कर दी। इस बार पाकिस्तान की 266 सदस्यीय नेशनल असेंबली में से 265 सीटों के लिए चुनाव हुआ। ऐसे में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 133 सीटों की जरूर है। इसी को लेकर पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच सत्ता साझेदारी फॉर्मूले पर बातचीत हो रही है।

PPP का सशर्त समर्थन

पीएमएल-एन को बिलावल भुट्टो-जरदारी के नेतृत्व वाली पीपीपी ने सशर्त समर्थन देने का आश्वासन दिया। दरअसल, पीपीपी को राष्ट्रपति सहित प्रमुख संवैधानिक पद की लालसा है। पीपीपी ने एलान किया कि केंद्र में पीएमएल-एन को समर्थन देने के बावजूद पार्टी संघीय मंत्रिमंडल में मंत्रालय नहीं लेगा।

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इन पदों को मांग रही PPP

सरकार गठन पर बातचीत की जानकारी रखने वाले पीपीपी के एक पदाधिकारी ने डॉन अखबार को बताया कि पार्टी ने नेशनल असेंबली स्पीकर और सीनेट चेयरमैन के पद की मांग करने का फैसला किया है, लेकिन पीएमएल-एन इन पदों को देने की इच्छुक नहीं लग रही और नेशनल असेंबली स्पीकर का पद अपने पास रखना चाहती है।

बकौल रिपोर्ट, पीपीपी ने संसद के दोनों सदनों में शीर्ष पद की मांग की है। पीपीपी के सूत्रों ने दावा किया कि अब तक पार्टी ने शीर्ष संवैधानिक और संसदीय कार्यालयों के लिए नामों को अंतिम रूप नहीं दिया है।