क्रांति की ओर बढ़ रहा गुलाम जम्मू-कश्मीर, पाक की ओर से संसाधनों का दोहन किए जाने से नाराज क्षेत्र के लोग
गुलाम जम्मू-कश्मीर के लोग उच्च दर पर बिजली बिल का भुगतान करने के लिए बाध्य हैं। यह क्षेत्र सबसे ज्यादा बिजली का उत्पादन करता है। नीलम-झेलम हाईड्रोपावर परियोजना 1100 मेगावाट बिजली पैदा करती है। गुलाम जम्मू-कश्मीर में खपत केवल 325 मेगावाट है। गुलाम जम्मू-कश्मीर में कुल 3000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। पाक प्रति यूनिट 1.5 रुपये की दर पर बिजली खरीदता है और 52 रुपये पर बेचता है।
By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Fri, 08 Sep 2023 01:09 AM (IST)
मुजफ्फराबाद, एएनआइ: बिजली बिल में अप्रत्याशित वृद्धि के विरुद्ध गुलाम जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शन जारी है। एक प्रमुख राजनीतिक कार्यकर्ता जाहिद मुगल ने कहा कि यह क्षेत्र रक्तरंजित क्रांति की ओर बढ़ रहा है। कश्मीरी लेखक शाबिर चौधरी के साथ बातचीत के दौरान जाहिद ने क्षेत्र के संसाधनों के दोहन, भ्रष्टाचार और सत्ता प्रतिष्ठान की गलत नीतियों के लिए पाकिस्तान की आलोचना की।
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जाहिद ने कहा कि गुलाम जम्मू-कश्मीर के लोग अत्यंत उच्च दर पर बिजली बिल का भुगतान करने के लिए बाध्य हैं। यह क्षेत्र सबसे ज्यादा बिजली का उत्पादन करता है। नीलम-झेलम हाईड्रोपावर परियोजना 1100 मेगावाट बिजली पैदा करती है और गुलाम जम्मू-कश्मीर में खपत केवल 325 मेगावाट है। गुलाम जम्मू-कश्मीर में कुल 3000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।
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जाहिद ने कहा कि पाकिस्तान हमसे प्रति यूनिट 1.5 रुपये (पाकिस्तान) की दर पर बिजली खरीदता है और हमें 52 रुपये प्रति यूनिट पर बेचता है। आटा समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं पर लिया जा रहा अत्यधिक कर गुलाम जम्मू-कश्मीर के लोगों को गेहूं के आटे और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर भारी करों का भुगतान करना पड़ रहा है। आटा पर सब्सिडी में भ्रष्टाचार हो रहा है। आटा वितरण में भ्रष्टाचार है और वे तस्करी कर रहे हैं। जब लोगों को उनका अधिकार नहीं मिलेगा तो वे सड़कों पर उतरेंगे और क्रांति का जन्म होगा। जब क्रांति शुरू होगी तो उसका परिणाम भी सामने आएगा।