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Pakistan: गिलगित-बाल्टिस्तान में आसमान छू रहे गेहूं के दाम, भीषण ठंड में चार दिन से प्रदर्शन कर रहे लोग

पाक के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान ( Gilgit Baltistan ) में गेहूं (wheat) की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर गिलगित बाल्टिस्तान में विरोध प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने प्रांतीय सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं की 3600 रुपये कीमत को गरीबों के खिलाफ क्रूर कदम बताते हुए खारिज कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक सरकार गेहूं को लेकर अपना नोटिफिकेशन वापस नहीं लेती तब तक धरना जारी रहेगा।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sat, 30 Dec 2023 07:41 PM (IST)
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गिलगित-बाल्टिस्तान में आसमान छू रहे गेहूं के दाम (Image: Representative)

एएनआई, गिलगित बाल्टिस्तान। पाक के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में गेहूं की कीमत में भारी वृद्धि और सब्सिडी खत्म करने के खिलाफ चल रहा विरोध प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी है।

बता दें कि गेहूं की कीमत में बढ़ोतरी के खिलाफ लोग यादगार चौक पर प्रदर्शन करते रहे और शुक्रवार को जामिया मस्जिद स्कर्दू में एक बड़ी रैली भी आयोजित की गई। भीषण ठंड के बीच स्कर्दू के अलावा गनाचे शिगार और चार्मिंग में भी लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।

गेहूं की कीमत में वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

अंजुमन ताजरान राउंडू ने भी गेहूं की कीमत में वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का संकेत दिया और मांगें न माने जाने के खिलाफ शाहराह बाल्टिस्तान को बंद करने की घोषणा की।

सर्वदलीय गठबंधन के प्रमुख गुलाम हुसैन अतहर ने बैठक को संबोधित करते हुए खुलासा किया कि हमें एक संदेश भेजा गया है जिसमें कहा गया है कि गेहूं आंदोलन से हटने के लिए फेडरेशन बाल्टिस्तान को 15 अरब पीकेआर का पैकेज देगा। अतहर ने कहा, 'साढ़े चार अरब रुपये दिए जाने चाहिए। पंद्रह अरब रुपये की बात सिर्फ हमें बेवकूफ बनाने की साजिश है।'

दिए जा रहे ऑफर

उन्होंने कहा, 'हमें तरह-तरह के ऑफर दिए जा रहे हैं; हमें गेहूं आंदोलन छोड़ने के लिए कहा जा रहा है; हमें आकर्षक प्रोत्साहन दिया जाएगा। समस्या हम सभी के लिए आम है।' पाक स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यासीन के यासीन खास उप-विभागीय मुख्यालय में एसी कार्यालय यासीन के बाहर सब्सिडी वाले गेहूं की कीमत में वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया।

जारी रहेगा धरना

प्रदर्शनकारियों ने प्रांतीय सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं की 3,600 रुपये कीमत को गरीबों के खिलाफ क्रूर कदम बताते हुए खारिज कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान विधानसभा के सदस्य और मुख्यमंत्री लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए योग्य नहीं हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और मंत्री इस्लामाबाद के वेतनमान पर हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक सरकार गेहूं को लेकर अपना नोटिफिकेशन वापस नहीं लेती, तब तक धरना जारी रहेगा।

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