'पाकिस्तान में रहते हैं दो तरह के लोग...', पत्रकार की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कहा- देश में 70 सालों से कुछ नहीं बदला
जबरन अगवा किए गए पत्रकार और लेखक अहमद फरहाद शाह (Ahmed Farhad Shah) की सुरक्षित रिहाई की मांग को लेकर राजनीतिक नेता और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद प्रेस क्लब के सामने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की कि वे फरहाद और अन्य राजनीतिक कैदियों की रिहाई के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।
एएनआई, इस्लामाबाद। जबरन अगवा किए गए पत्रकार और लेखक अहमद फरहाद शाह (Ahmed Farhad Shah) की सुरक्षित रिहाई की मांग को लेकर राजनीतिक नेता और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद प्रेस क्लब के सामने विरोध प्रदर्शन किया। मंगलवार को आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में लोगों ने जमकर नारे लगाए।
PoK में विरोध प्रदर्शन का आह्वान
अहमद फरहाद शाह की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की कि वे फरहाद और अन्य राजनीतिक कैदियों की रिहाई के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।
हमने नहीं मांगी कभी भीखः प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमने कभी भी अपने अधिकारों के लिए किसी से भीख नहीं मांगी है और जो भी कुछ हासिल किया है वह संघर्ष और विरोध के बदौलत है। उन्होंने कहा कि हमने अपने अधिकारों के लिए PoK में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया था। हम आगे भी अहमद फरहाद और अन्य राजनीतिक कैदियों की रिहाई को लेकर विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे।पाकिस्तान में रहते हैं दो तरह के लोग
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अब दो ही तरह के लोग बचे हैं- एक अत्याचारी और दूसरा शोषित। देश में 70 सालों से अधिक समय से इसी तरह से चल रहा है और अब यह बर्दाश्त से बाहर हो गया है। देश में 70 सालों से कुछ नहीं बदला है। उन्होंने कहा कि हमने बिजली, गेहूं, आटा, शिक्षा और बुनियादी ढांचे जैसी जरूरी चीजों के लिए आवाज उठाई है, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं बदला है।
यह भी पढ़ें- क्या है 1999 का लाहौर समझौता जिसपर नवाज शरीफ ने 25 साल बाद मानी गलती, अटल बिहारी वाजपेयी को भी किया याद