बढ़ती बेरोजगारी, अनियोजित नीतियों को लेकर पीपीपी प्रमुख जरदारी ने इमरान खान एक 'नासमझ नेता' कहा
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने शुक्रवार को इमरान खान सरकार के खिलाफ बढ़ती बेरोजगारी और अतिक्रमण विरोधी अभियानों के नाम पर आम जनता के घरों को ध्वस्त करके सैकड़ों परिवारों को बेघर करने का आरोप लगाया।
By Avinash RaiEdited By: Updated: Sat, 28 Aug 2021 08:28 PM (IST)
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान खान सरकार हमला बोला है। बिलावल भुट्टो जरदारी ने शुक्रवार को इमरान खान सरकार के खिलाफ बढ़ती बेरोजगारी और अतिक्रमण विरोधी अभियानों के नाम पर आम जनता के घरों को ध्वस्त करके सैकड़ों परिवारों को बेघर करने का आरोप लगाया।
मलकानी हाउस मकली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पीपीपी प्रमुख जरदारी ने कहा कि यह पूरी तरह से स्पष्ट हो चुका है कि प्रधानमंत्री इमरान खान अपने काम को लेकर बुरी तरह से विफल रहे है और पूरी दुनिया को यह बात पता है। सैकड़ों परिवारों को बेघर करने का आरोप लगाते हुए जरदारी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) सरकार की नासमझ और अनियोजित आर्थिक नीतियों ने लोगों को बेघर कर दिया है।जरदारी ने इमरान खान द्वारा किए गए चुनावी वादों के बारे में भी सवाल उठाए, उनके द्वारा किए गए वादों में मुख्य रूप से 10 मिलियन बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने, गरीबों के लिए 50 लाख घरों के निर्माण, अरबों पेड़ लगाने सहित कई अन्य वादों शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान स्टील मिल्स, सुई सदर्न गैस कंपनी और अन्य संगठनों के सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी की।
जरदारी ने पीएम इमरान खान को 'नासमझ नेता' करार देकर एक बार फिर उन पर निशाना साधा और कहा कि इमरान को हटाने के लिए सड़कों पर उतरने और व्यापक विरोध अभियान शुरू करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।स्थानीय मीडिया ने बताया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के पाकिस्तान में सरकार बनाने के तीन साल बाद, प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी पार्टी के 2018 के घोषणापत्र में लोगों से किए गए वादे को हासिल करने में विफल रहे हैं। द न्यूज इंटरनेशनल ने कहा कि जिन क्षेत्रों में सरकार ने सही तरह से काम करने का वादा किया था, वहां जमीनी हकीकत नाजुक है और उन क्षेत्रों में इमरान खान की अज्ञानता भी देखी जा सकती है।
इमरान खान ने पिछले तीन सालों में छह नए फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के प्रमुखों को भी नियुक्त किया। मगर इस फेरबदल के बाद भी सभी परिणाम देने में असमर्थ साबित हुए। पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन सालों में परिपत्र ऋण लगभग दोगुना हो गया है।