पीटीआई ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा, 90 दिनों के भीतर चुनाव की मांग वाली याचिका पर आपत्तियों को दी चुनौती
Pakistan News पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) बार-बार चुनाव की मांग कर रहा है। पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) चुनाव कराने के मूड में नही लग रही है। पीटीआई ने शनिवार को देश में 90 दिनों के भीतर राष्ट्रव्यापी चुनाव की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) रजिस्ट्रार द्वारा उठाई गई आपत्तियों को चुनौती दी है। यह जानकारी स्ठानीय मीडिया एआरवाई न्यूज ने दी है।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Sun, 17 Sep 2023 11:26 AM (IST)
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने शनिवार को देश में 90 दिनों के भीतर राष्ट्रव्यापी चुनाव की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (एससी) रजिस्ट्रार द्वारा उठाई गई आपत्तियों को चुनौती दी। स्ठानीय मीडिया एआरवाई न्यूज ने यह जानकारी दी है। मिली जानकारी के अनुसार, पीटीआई ने 90 दिनों में आम चुनाव की मांग वाली याचिका पर शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार द्वारा उठाई गई आपत्तियों के खिलाफ अपील दायर की।
एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अपील में पीटीआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा उठाई गई आपत्तियां "न्यायिक प्रकृति" की हैं और "वह ऐसी आपत्तियां नहीं उठा सकता है।"एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई की यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार द्वारा गुरुवार को 90 दिनों में आम चुनाव की मांग करने वाली पीटीआई की याचिका लौटाने के बाद आई है। पीटीआई ने कहा, "रजिस्ट्रार कार्यालय को आपत्तियों को दूर करना चाहिए और सुनवाई के लिए आवेदन निर्धारित करना चाहिए।"
पीटीआई ने याचिका में राष्ट्रपति को किया था शामिल
सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका वापस कर दी गई क्योंकि पूर्व सत्तारूढ़ गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने से पहले संबंधित मंचों पर संपर्क नहीं किया था। याचिका में पीटीआई ने प्रतिवादी के रूप में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को भी शामिल किया था। हालांकि, रजिस्ट्रार ने कहा कि राज्य के प्रमुख को अनुच्छेद 248 के तहत याचिका का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता है।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने आगे कहा, "याचिका में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि याचिकाकर्ता के किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया गया है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, याचिका अनुच्छेद 184/3 के तहत अदालत द्वारा हस्तक्षेप की आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल है। अगस्त में नेशनल असेंबली के विघटन के बाद, पीटीआई ने पाकिस्तान में चुनाव कब कराने हैं, इस पर निर्देश के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।