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Asad Umar Resign: इमरान खान की पार्टी को एक और झटका, पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के पूर्व महासचिव ने दिया इस्तीफा

पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के पूर्व महासचिव असद उमर ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। असद उमर ने शनिवार को अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया कि उन्होंने पार्टी में करीब एक दशक से अधिक समय तक रहने के बाद अब पूरी तरह से राजनीति छोड़ने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि पीटीआई के लिए ये एक बड़ा झटका है।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 11 Nov 2023 07:04 PM (IST)
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पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता ने दिया इस्तीफा। (फाइल फोटो)
पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी 'पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ' को शनिवार को एक और झटका लगा। पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के पूर्व महासचिव असद उमर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

असद उमर ने पीटीआई से दिया इस्तीफा

असद उमर ने शनिवार को अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया कि उन्होंने पार्टी में करीब एक दशक से अधिक समय तक रहने के बाद अब पूरी तरह से राजनीति छोड़ने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि पीटीआई के लिए ये एक बड़ा झटका है, क्योंकि अगले साल फरवरी में आम चुनाव होने हैं।

असद उमर ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा,

जैसा कि मैंने पहले ही सार्वजनिक रूप से कहा था कि मैं संस्थानों के साथ टकराव की नीति से असहमत हूं। ऐसी नीति ने संस्थानों के साथ गंभीर टकराव को जन्म दिया है, जो देश के हित में नहीं है।

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पहले भी कई नेता दे चुके हैं इस्तीफा

पाकिस्तानी जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, असद उमर के पहले अन्य कई नेताओं ने भी पीटीआई से इस्तीफा दे दिया है। पाकिस्तान में नौ मई को हुई हिंसा के बाद कई नेताओं ने इमरान का साथ छोड़ दिया है।

पाकिस्तान में भीड़ ने मचाया था उत्पात

बता दें कि कथित भ्रष्टाचार के मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई समर्थकों ने बड़े पैमाने पर पाकिस्तान में उत्पात मचाया था। इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में सरकारी इमारतों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया था।

पीटीआई के कई नेता हुए थे गिरफ्तार

वहीं, असद उमर उनलोगों में शामिल हैं, जिन्हें 10 मई को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में इस्लामाबाद हाई कोर्ट से उन्हें बेल मिल गई थी। उन्हें शपथ पत्र जमा करना पड़ा था, जिसमें लिखा गया था कि वह किसी भी हिंसक प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे।

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