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Pak Army Chief: पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख की नियुक्ति जल्द, अगले दो दिनों में नाम पर लगेगी मुहर

पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने शुक्रवार को कहा कि देश के अगले सेना प्रमुख का नाम लगभग दो दिनों में तय किया जाएगा। सनाउल्लाह ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रक्रिया पूरी कर ली है और दो दिन में इसे कागजी रूप दे देंगे।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 19 Nov 2022 12:49 AM (IST)
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पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख की नियुक्ति जल्द, अगले दो दिनों में नाम पर लगेगी मुहर।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने शुक्रवार को कहा कि देश के अगले सेना प्रमुख का नाम लगभग दो दिनों में तय किया जाएगा। पाकिस्तान के जियो न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में सनाउल्लाह ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रक्रिया पूरी कर ली है और दो दिन में इसे कागजी रूप दे देंगे। उन्होंने कहा, 'मेरा मानना ​​है कि प्रधानमंत्री ने इस प्रक्रिया यानी कि सेना प्रमुख की नियुक्ति के बारे में परामर्श को पूरा कर लिया है और इसे आज या कल या अगले दो दिनों में कागज पर उतार देंगे।'

सेना प्रमुख नियुक्त करने का प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार

उन्होंने विस्तार से बताया कि परामर्श का मतलब कुछ लोगों को शर्तों को निर्धारित करने का अधिकार देना नहीं था, क्योंकि यह सेना प्रमुख नियुक्त करने का प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। हाल ही में, परमाणु-सशस्त्र देश में इस अभ्यास ने सेना के प्रमुख द्वारा किए गए कार्य के निहितार्थों के कारण वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। बता दें कि सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति एक प्रशासनिक मामला है। जनरल बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

जल्द होगी नए सेना प्रमुख की नियुक्ति

बता दें कि कानून के तहत, मौजूदा प्रधानमंत्री को शीर्ष तीन सितारा जनरलों में से किसी एक का चयन करने का अधिकार है। सनाउल्लाह ने कहा कि नए सेना प्रमुख की नियुक्ति में और देरी उचित नहीं होगी। उन्होंने इस मुद्दे पर अन्य किसी सवाल का उत्तर नहीं दिया, क्योंकि यह एक या दो दिन का मामला है और अधिक सवाल से अनावश्यक अटकलें लगेंगी।

पीटीआइ के नेताओं से संपर्क की पुष्टि

उन्होंने पूर्व रक्षा मंत्री परवाज़ खट्टक, पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी सहित पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के कुछ नेताओं के साथ भी संपर्क की पुष्टि की और उन्हें राजनीतिक समझ वाले नेता बताया। उन्होंने कहा कि पीटीआइ के इस्लामाबाद मार्च का उद्देश्य मध्यावधि चुनाव के बजाय सेना प्रमुख की नियुक्ति करना था। उन्होंने दावा किया कि लांग मार्च वास्तव में जमीन पर कहीं मौजूद नहीं है।

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