Why pakistan most dangerous country in the World पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा (Pak nuclear weapons security) को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की चिंता बेवजह नहीं हैं। इन चिंताओं की ठोस वजहें हैं। आइए इस रिपोर्ट में करते हैं उन वजहों की पड़ताल...
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Mon, 17 Oct 2022 09:33 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दो दिन पहले जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने परमाणु हथियार संपन्न पाक को सबसे खतरनाक मुल्कों में से एक बताया तो दुनिया हैरान रह गई। इसकी बड़ी वजह कि बाइडन ने यह बात ऐसे वक्त में कही जब पाकिस्तान अमेरिका को रिझाने की कोशिशों में जुटा था। भारत अक्सर पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करता रहा है। वैसे भारत और अमेरिका की चिंताएं बेवजह नहीं हैं। इसकी ठोस वजहें हैं। आइए इस रिपोर्ट में करते हैं उन वजहों की पड़ताल...
आतंकियों के हाथ परमाणु हथियारों के लगने का खतरा
पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेकर भारत और अमेरिका के अलावा दुनिया के दूसरे देश भी चिंतित हैं। पश्चिमी मुल्क इन हथियारों की सुरक्षा को लेकर कई बार अपनी चिंताएं जता चुके हैं। इन देशों को आशंका है कि पाकिस्तानी परमाणु हथियार आतंकियों और जिहादियों के हाथों लग सकते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि अफगानिस्तान में तालिबान की जीत से उत्साहित पाकिस्तान के जिहादी भी ऐसी कोशिशें कर सकते हैं।
परमाणु तकनीक चोरी करने के लिए बदनाम है पाक
एटमी हथियारों को बनाने की तकनीक चोरी करने के मामले में पाकिस्तान बदनाम रहा है। परमाणु वैज्ञानिक एक्यू खान को परमाणु तकनीक की तस्करी में लिप्त पाया गया था। बात 1975 की है तब एक्यू खान नीदरलैंड में एक लेबोरेटरी के लिए काम कर रहे थे। यहीं से उन्होंने परमाणु हथियार की डिजाइन चोरी की थी। साथ ही उस लिस्ट की चोरी की थी जहां परमाणु हथियार के पुर्जों की उपलब्धता की जानकारी दर्ज थी। तकनीक चुराने के बाद ए.क्यू. खान नीदरलैंड से भाग आए थे।
चोरी की तकनीक से बनाया एटम बम
इस घटना के बाद पाकिस्तान की काफी बदनामी हुई थी। अमेरिका को तब संदेह हो गया था कि पाकिस्तान चोरी की तकनीक की मदद से परमाणु बम बनाने में जुटा है। यही कारण था कि अमेरिका ने 1990 में परमाणु हथियार रखने की आशंका में प्रेसलर संशोधन के तहत पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि अमेरिकी पाबंदियां पाकिस्तान को एटम बम बनाने से नहीं रोक सकीं और खान की मदद से उसने वर्ष 1998 में परमाणु बम बना लिया।
कई मुल्कों को दी एटमी तकनीक
ए.क्यू. खान पर ईरान, दुबई, मलेशिया समेत अन्य मुल्कों को डिजाइन, सेंट्रीफ्यूज एवं अन्य पुर्जें बेचने का भी आरोप लगते रहे हैं। ए.क्यू. खान पर उत्तर कोरिया और लीबिया को भी परमाणु तकनीक मुहैया कराने का संदेह है। अब्दुल कादिर खान ने कुछ मौकों पर सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार भी कर चुके हैं। ए.क्यू खान एटमी तकनीक लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति मुशर्रफ ने उन्हें माफ कर दिया था।
राजनीतिक रूप से अस्थिर मुल्क है पाक
पाकिस्तान सियासी अस्थिरता वाले मुल्क के तौर पर भी चर्चित है। मौजूदा वक्त में पाकिस्तान में सियासी अस्थिरता अपने चरम पर है। सियासी अस्थिरता के साथ आर्थिक बदहाली के चलते भी पाकिस्तान में हालात खराब हैं। पाकिस्तान अपने भ्रष्टाचार के लिए भी पूरी दुनिया में चर्चित है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की भूमिकाएं भी हैरान करती रही हैं।
..नहीं किया जा सकता पाक पर भरोसा
पाकिस्तान आतंकवाद प्रायोजक मुल्कों में भी शुमार है। भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान से संचालित हो रहे आतंकी संगठनों को लेकर बार बार दुनिया को आगाह भी करता रहा है। ऐसे में जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु युद्ध की परोक्ष धमकी दी है। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका की ओर से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर चिंता वाजिब है।
क्या कहा था बाइडन ने..?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को लास एंजिलिस में डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों के लिए प्रचार समारोह में कहा था कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है, जिसके पास परमाणु हथियार हैं और वहां कोई सामंजस्य नहीं है। इसके साथ ही बाइडन ने चीन, रूस और पाकिस्तान पर भी चिंता जाहिर की और इसे अमेरिकी विदेश नीति के समक्ष तीन चुनौतियों के तौर पर पेश किया।
पढ़ें पूरी खबर- दुनिया का सबसे खतरनाक देश है पाकिस्तान
पाकिस्तान को बड़ा झटका दे सकते हैं आतंकी
समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) या पाकिस्तानी तालिबान से बढ़ते आतंकी खतरे पाकिस्तान को एक और झटका दे सकते हैं। खुद मौजूदा सरकार ने ऐसा अलर्ट जारी किया है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे समय में जब पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटा है, आतंकी खतरों की आशंकाएं निवेशकों के विश्वास को कमजोर करेगी। यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस (USIP) की रिपोर्ट के मुताबिक टीटीपी पूरे साल पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती बना रहेगा।
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