शहबाज शरीफ सरकार ने करीब 90 लाख विदेशी पाकिस्तानियों को मतदान के अधिकार से किया वंचित, संसद में पेश हुआ विधेयक
संघीय कानून और न्याय मंत्री आजम नजीर तरार ने कहा कि आज पेश किए गए विधेयक में उन संशोधनों से पहले के आकार में चुनाव अधिनियम 2017 को पुनर्जीवित करने की मांग की गई है। जो स्वतंत्र निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करेगा।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Thu, 26 May 2022 07:16 PM (IST)
इस्लामाबाद, आइएएनएस। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने 90 लाख विदेशी पाकिस्तानियों को वोट डालने के अधिकार से वंचित कर दिया है। आम चुनावों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (EVM) के उपयोग को शहबाज शरीफ ने हटा दिया है। साथ ही कम से कम 90 लाख (9 मिलियन) विदेशी पाकिस्तानियों को वोट देने के अधिकार से वंचित करते हुए चुनाव संशोधन विधेयक 2022 पारित किया गया है।
संसदीय कार्य मंत्री मुर्तजा जावेद अब्बासी द्वारा विधेयक पेश किए जाने के बाद गुरुवार को इसे नेशनल असेंबली से बहुमत से पारित कर दिया गया। संशोधन चुनाव अधिनियम 2017 में प्रस्तावित किया गया था, जिसे पहले संशोधित कर और विदेशी पाकिस्तानियों को आम चुनावों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों के माध्यम से मतदान करने का अधिकार दिया गया था।
संघीय कानून और न्याय मंत्री आजम नजीर तरार ने कहा कि इमरान सरकार ने चुनाव द्वितीय संशोधन विधेयक 2021 के माध्यम से संशोधन किया था, जिसे उसने 17 नवंबर, 2021 को 32 अन्य विधानों के साथ नेशनल असेंबली के माध्यम से खत्म कर दिया था। उन्होंने कहा कि आज पेश किए गए विधेयक में उन संशोधनों से पहले के आकार में चुनाव अधिनियम 2017 को पुनर्जीवित करने की मांग की गई है। जो स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही तरार ने कहा कि विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी देश की अनमोल संपत्ति हैं और सरकार उनके वोट का अधिकार छीनने में विश्वास नहीं करती है।
इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी के साथ ईवीएम की उपयोगिता चिंता का विषयइस बीच पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) द्वारा ईवीएम का उपयोग परीक्षण के चरण में है। हालांकि, देश के कई हिस्सों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी के साथ देश के भीतर ईवीएम की उपयोगिता और उपयोग भी सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
वहीं, संसद सत्र के दौरान विपक्षी पार्टी ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (GDA) के घोष बख्श मेहर ने कहा कि दुनियाभर में ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है और पाकिस्तान को कम से कम उनका इस्तेमाल करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर पूरे देश में नहीं, तो कुछ क्षेत्रों में उनका इस्तेमाल करें।