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इमरान खान को एक और झटका देने को तैयार शहबाज सरकार! सूचना मंत्री ने बताया किस तरह लगेगा PTI पर प्रतिबंध

पाकिस्तान की शहबाज सरकार इमरान खान की पार्टी पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अतातुल्लाह तरार ने एक बार फिर से इस मामले पर पाकिस्तान सरकार के रुख को स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले पर सैद्धांतिक फैसले के साथ आगे बढ़ेगी। वहीं सरकार के इस फैसले को पीटीआई प्रमुख ने लोकतंत्र की हत्या के समान बताया है।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Wed, 24 Jul 2024 08:23 PM (IST)
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान। फाइल फोटो।
एएनआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इमरान खान की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही है। अब जेल में बंद पूर्व पाक पीएम की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पर प्रतिबंध का बादल मंडरा रहा है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अतातुल्लाह तरार ने एक बार फिर से इस मामले पर पाकिस्तान सरकार के रुख को स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि सरकार इमरान खान की पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के लिए सैद्धांतिक फैसले के साथ आगे बढ़ेगी।

तरार ने देश में हुए दंगे का दिया हवाला

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) की सत्तारूढ़ सरकार ने देश में नौ मई को हुए दंगे और उसमें इमरान खान की संलिप्तता एवं पीटीआई नेताओं द्वारा IMF डील को विफल करने के प्रयासों के कारण लिया गया है। तरार ने कहा कि पाकिस्तान और पीटीआई एक साथ नहीं रह सकते हैं।

खान ने विरोध प्रदर्शन का किया था आह्वान

मालूम हो कि इमरान खान ने अदियाला जेल में पत्रकारों के सामने यह माना था कि उनकी गिरफ्तारी की स्थिति में उन्होंने जनरल मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। वहीं, इमरान खान के इस कबूलनामे के बाद सरकार उन पर कार्रवाई करने करने की बात कह रही है। 

पार्टी पर प्रतिबंध लगाना लोकतंत्र की हत्या के समानः इमरान खान

वहीं, इमरान खान ने पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले को देश में लोकतंत्र की हत्या के समान करार दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी पर पहले से ही प्रतिबंध लगा दिया गया था। आम चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने नहीं दिया गया। पार्टी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अध्यक्ष पहले से ही जेल में थे।

शहबाज सरकार के फैसले से सहमत नहीं है PPP

वहीं, पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने को लेकर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) भी शहबाज सरकार के फैसले से सहमत नहीं है। वहीं, पीएमएल-क्यू ने भी फैसले पर सवाल उठाया है। पाकिस्तान मानवाधिकार परिषद ने भी सरकार के इस फैसले पर चिंता जताते हुए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है।

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