Pakistan Floods: पाकिस्तान की गलतियों से आई बाढ़, ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार ठहराना गलत; रिपोर्ट में दावा
पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ के पीछे ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार माना गया था लेकिन एक वैज्ञानिक विश्लेषण ने इस बात को खारिज कर दिया है। कहा गया है कि ग्लोबल वार्मिंग देश की विनाशकारी बाढ़ का सबसे बड़ा कारण नहीं है।
By Devshanker ChovdharyEdited By: Updated: Fri, 16 Sep 2022 12:27 PM (IST)
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ के पीछे ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार माना गया था, लेकिन एक वैज्ञानिक विश्लेषण ने इस बात को खारिज कर दिया है। रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से पाकिस्तान के दो प्रांतों में बारिश में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि जरूर हुई है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग देश की विनाशकारी बाढ़ का सबसे बड़ा कारण नहीं है, जिसमें 1,500 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।
जलवायु परिवर्तन जिम्मेदार नहीं
Imperial College of London के जलवायु वैज्ञानिक वरिष्ठ लेखक फ्रेडरिक ओटो ने अपने अध्ययन में बताया, 'पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ से एक समय में देश का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ था, इसके लिए पूरी तरह जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है।' उन्होंने कहा कि इस मानवीय संकट के कई तत्व हैं, जिनमें कुछ मौसम संबंधी, कुछ आर्थिक, कुछ सामाजिक, कुछ ऐतिहासिक और निर्माण उन्मुख शामिल हैं।
पाकिस्तान की गलती से आई बाढ़
ओटो ने कहा, 'जलवायु परिवर्तन के बिना विनाशकारी उच्च वर्षा होती, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण यह बदतर है और विशेष रूप से इस अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र में छोटे परिवर्तन बहुत मायने रखते हैं।' उन्होंने कहा कि अन्य मानवीय कारक जो लोगों को नुकसान पहुंचाया और पानी को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त नहीं थे। उसका भी काफी प्रभाव पड़ा। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के अध्ययन टीम के सदस्य आयशा सिद्दीकी ने कहा, 'यह आपदा कई वर्षों की दुर्बलता का परिणाम था।'टीम ने किया अध्ययन
टीम ने पांच दिनों में दो प्रांतों का दौरा किया और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली वर्षा की तीव्रता में 50% तक की वृद्धि देखी। उन्होंने दो महीनों में पूरे सिंधु क्षेत्र को भी देखा और वहां वर्षा में 30% तक की वृद्धि देखी। मिशिगन विश्वविद्यालय के पर्यावरण डीन जोनाथन ओवरपेक ने कहा, 'पाकिस्तान ने वैश्विक जलवायु परिवर्तन के मामले में ज्यादा योगदान नहीं दिया है, लेकिन निश्चित रूप से जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों निपटना है।'
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