SC ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की याचिका लौटाई, की गई थी 90 दिनों के अंदर राष्ट्रव्यापी चुनाव कराने की मांग
पाकिस्तान में हालात काफी खराब नजर आ रहे हैं। 90 दिनों के भीतर देश में राष्ट्रव्यापी चुनाव कराने की मांग की गई थी। जिस पर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने आपत्ति जताई है। इसके साथ ही उन्होंने 90 दिनों के अंदर चुनाव कराने की याचिका को भी खारिज कर दिया है। याचिका में PTI ने प्रतिवादी के रूप में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को भी शामिल किया।
By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Fri, 15 Sep 2023 10:22 AM (IST)
इस्लामाबाद (पाकिस्तान), एजेंसी। पाकिस्तान स्थित जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने गुरुवार को आपत्तियों के साथ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की याचिका लौटा दी है। बता दें कि इस याचिका में 90 दिनों के भीतर देश में राष्ट्रव्यापी चुनाव कराने की मांग की गई थी।
बता दें कि ये याचिका वापस कर दी गई क्योंकि पूर्व सत्तारूढ़ गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने से पहले संबंधित मंचों पर संपर्क नहीं किया था।
याचिका में PTI ने प्रतिवादी के रूप में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को भी शामिल किया। हालांकि, रजिस्ट्रार ने कहा कि राज्य के प्रमुख को अनुच्छेद 248 के तहत याचिका का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता है।
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने आगे कहा, याचिका में यह नहीं बताया गया कि याचिकाकर्ता के किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, याचिका अनुच्छेद 184/3 के तहत अदालत के हस्तक्षेप की मांग करने वाली आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती है।
PTI ने खटखटाया SC का दरवाजा
अगस्त में, PTI ने नेशनल असेंबली के विघटन के 90 दिनों के भीतर पाकिस्तान में चुनाव कराने के निर्देश देने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।याचिकाकर्ता, जो PTI के महासचिव उमर अय्यूब हैं, ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान के राष्ट्रपति अल्वी को चुनाव की तारीख देने का निर्देश दें और पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) को तदनुसार चुनाव कार्यक्रम जारी करने का निर्देश दें।
अय्यूब ने संविधान के अनुच्छेद 184(3) के तहत याचिका दायर की और अदालत से जनगणना को मंजूरी देने वाले काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट (CCI) के 5 अगस्त, 2023 के फैसले को अवैध और शुरू से ही शून्य घोषित करने का अनुरोध किया। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई दूसरी याचिका थी।इससे पहले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष आबिद एस जुबैरी ने भी सुप्रीम कोर्ट में यही याचिका दायर की थी।