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    मुश्किल में इमरान, तहरीक-ए-तालिबान ने जुलाई से अब तक सेना पर किए 55 हमले, बाजवा को दी धमकी, जानें क्‍या कहा

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Sat, 02 Oct 2021 05:59 PM (IST)

    तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इमरान सारकार और पाकिस्तानी सेना से वजीरिस्तान और बलूचिस्तान में सैन्य आपरेशनों को बंद करने को कहा है। टीटीपी ने जुलाई से 15 सितंबर के बीच पाकिस्तानी सेना पर 55 हमले किए हैं। पढ़ें यह रिपोर्ट...

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    तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इमरान सारकार और पाकिस्तानी सेना को धमकी दी है।

    नई दिल्‍ली, आइएएनएस। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Tehreek-e-Taliban Pakistan, TTP) ने इमरान सारकार और पाकिस्तानी सेना से वजीरिस्तान और बलूचिस्तान में सैन्य आपरेशनों को बंद करने को कहा है। एक रिकार्डेड वीडियो संदेश में तालिबान प्रमुख नूर वली महसूद (Noor Wali Mehsud) ने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो टीटीपी पाकिस्तान से सभी आदिवासी इलाकों को आजाद करा देगा। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक टीटीपी ने जुलाई से 15 सितंबर के बीच पाकिस्तानी सेना पर 55 हमले किए हैं।

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    महसूद ने कहा कि पाकिस्तानी सेना एक औपनिवेशिक विरासत है। हमारी लड़ाई केवल पाकिस्तान के साथ है। डूरंड रेखा की वजह से पश्तून विभाजित हैं। हमारी लड़ाई केवल पाकिस्तान के साथ है। हम पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के साथ लड़ रहे हैं। यही नहीं टीटीपी ने एक और वीडियो जारी किया है जिसमें खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के टैंक जिले में आतंकियों को पाकिस्तानी सेना पर हमला करने के लिए आईईडी का इस्‍तेमाल करते हुए दिखाया गया है। इसमें कई सैनिक घायल हो गए थे।

    इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक पाकिस्तान इंस्टीट्यूट आफ पीस स्टडीज ने कहा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी टीटीपी ने पहली जुलाई से 15 सितंबर के बीच पाकिस्तानी सेना पर 55 हमले किए हैं। इन हमलों में 100 से अधिक सैनिक मारे गए हैं जबकि कई जख्‍मी हुए हैं। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक इन हमलों को आत्मघाती हमलावरों, आईईडी विस्फोटक उपकरणों और स्नाइपर द्वारा अंजाम दिया गया है। सबसे बड़ा हमला दसू जलविद्युत परियोजना के पास एक चीनी काफिले पर किया गया था।

    कोहिस्तान जिले में हुए इस हमले में नौ चीनी इंजीनियरों की मौत हो गई थी जिसके बाद चीन ने पाक को लताड़ लगाई थी। यही नहीं चीन के मुखपत्र 'द ग्लोबल टाइम्स' ने भी चीनी सुरक्षा विशेषज्ञों के हवाले से इमरान सरकार को आगाह किया है कि पाकिस्तान में टीटीपी की गतिविधियां तेज हो सकती हैं। पाकिस्तान सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए टीटीपी चीनी नागरिकों पर बड़े हमले कर सकता है। गौर करने वाली बात यह भी है कि अफगानिस्‍तान में तालिबान की वापसी के बाद टीटीपी के हौसले और बढ़ गए हैं।