अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद पाकिस्तान में बढ़े आतंकी हमले, एक साल में हुई 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी
पाकिस्तान के पेशावर में पुलिस लाइन इलाके में स्थित एक मस्जिद में हुए ब्लास्ट में कम से कम 95 लोगों की मोत हो गई। यह हमला पड़ोसी देश अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने और वहां लगातार हो रहे उथल-पुथल का ही नतीजा है।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Wed, 01 Feb 2023 04:46 AM (IST)
इस्लामाबाद, एएफपी। पाकिस्तान के पेशावर में पुलिस लाइन इलाके में स्थित एक मस्जिद में हुए ब्लास्ट में कम से कम 95 लोगों की मोत हो गई। यह हमला पाकिस्तान में निचले स्तर के बढ़ते हमलों से अलग सुरक्षा में एक बड़ा उल्लंघन था। मालूम हो कि यह हमला पड़ोसी देश अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने और वहां लगातार हो रहे उथल-पुथल का ही नतीजा है। अफगानिस्तान में तालिबनी शासन आने के बाद पाकिस्तान में हमले बढ़ गए हैं। पाकिस्तान पर तालिबान द्वारा हमले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के रूप में जाने जाते हैं।
पाकिस्तान में कई आतंकवादी संगठन सक्रिय
पाकिस्तान में हुए आत्मघाती हमले के बाद इस्लामाबाद ने काबुल में तालिबान पर अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने में विफल रहने और अफगानिस्तान के अंदर आतंकवादियों को पाकिस्तान के खिलाफ हमलों की योजना बनाने की अनुमति देने का आरोप लगाया है। मालूम हो कि पाकिस्तान में कई आतंकवादी संगठन कई सालों से लगातार फलफूल रहे हैं। इस्लामिक स्टेट समूह का क्षेत्रीय गुट इस्लामिक स्टेट-खुरासान भी अब सक्रिय हो गया है। पिछले साल पेशावर में एक अल्पसंख्यक शिया मस्जिद में आत्मघाती विस्फोट में 64 लोगों की मौत हो गई थी। इसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। बलूचिस्तान में अलगाववादियों ने सुरक्षा बलों पर अपने हमले तेज कर दिए हैं।
इस्लामिक स्टेट-खुरासान आतंकवाद का ही फ्रेंचाइजी
इस्लामाबाद के सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज के एक विश्लेषक इम्तियाज गुल ने सोमवार को हुए ब्लास्ट का जिक्र करते हुए कहा, "इस समय यह अप्रासंगिक है कि किस समूह ने हमला किया है।" उन्होंने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि देश में भय और अराजकता बोने के लिए गुट इस्लामिक स्टेट-खुरासान अलग-अलग नामों से काम कर रहा है। वह आतंकवाद का ही फ्रेंचाइजी है।पाकिस्तान में इसलिए बढ़ रहे हमले
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज (PIPS) के मुताबिक, काबुल में तालिबान शासन के पहले वर्ष में ही पाकिस्तान में होने वाले हमलों की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश में सबसे अधिक हमले अफगानिस्तान की सीमा से लगे पश्चिमी प्रांतों में हुए हैं। अमेरिकी नेतृत्व वाले हस्तक्षेप के दौरान अमेरिका ने ड्रोन हमलों में सीमा के दोनों ओर पर्वतीय ठिकानों को तबाह कर दिया, जिससे आतंकवादियों के संगठित होने की क्षमता में बाधा उत्पन्न हुई।