पाकिस्तान में संघर्ष विराम खत्म होते ही तहरीक-ए-तालिबान का हमला, पुलिसकर्मियों को बनाया निशाना, एक की मौत
पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पोलियो टीकाकरण कर्मियों को सुरक्षा मुहैया करा रहे दो पुलिस कर्मियों पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बंदूकधारियों ने हमला कर दिया। इसमें एक की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sat, 11 Dec 2021 07:24 PM (IST)
पेशावर, पीटीआइ। पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पोलियो टीकाकरण कर्मियों को सुरक्षा मुहैया करा रहे दो पुलिस कर्मियों पर बंदूकधारियों ने हमला कर दिया। इसमें एक की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। पाकिस्तानी तालिबान के नाम से ज्ञात तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने हमले की जिम्मेदारी ली है। टीटीपी द्वारा गुरुवार को इमरान खान सरकार के साथ एक महीने के संघर्ष विराम की समाप्ति की घोषणा के बाद यह पहला हमला है।
दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता में नवंबर में संघर्ष विराम की घोषणा की गई थी। टीटीपी पाकिस्तान में टीकाकरण अभियान को निशाना बनाता रहा है और दावा करता है कि यह बच्चों की नसबंदी करने की पश्चिमी साजिश है। प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) एलान किया है कि वह पाकिस्तान सरकार के साथ हुए महीने भर के संघर्ष विराम समझौते को खत्म कर रहा है। टीटीपी के इस कदम से प्रधानमंत्री इमरान खान के शांति समझौते की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 14 वर्षों में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हुए कई बड़े हमलों के पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) रहा है। इन हमलों में 2014 में पेशावर में एक सैनिक स्कूल पर हमला भी शामिल है। इस हमले में 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। टीटीपी ने पाकिस्तान सरकार पर समझौते का सम्मान करने में विफल होने का आरोप लगाया है।
टीटीपी ने शुक्रवार को बताया था कि समझौते के तहत दोनों पक्ष पहली नवंबर से 30 नवंबर 2021 तक एक महीने तक युद्धविराम का पालन करने के लिए भी सहमत हुए थे। बयान के अनुसार सरकार न केवल दोनों पक्षों के बीच हुए फैसलों को लागू करने में विफल रही वरन सुरक्षा बलों ने डेरा इस्माइल खान, लक्की मारवात, स्वात, बाजौर, स्वाबी और उत्तरी वजीरिस्तान में छापेमारी की और आतंकवादियों को मार गिराया। इसमें कई हिरासत में लिए गए। टीटीपी का कहना है कि इन परिस्थितियों में संघर्ष विराम को आगे बढ़ाना संभव नहीं है।