भारत अमेरिका के खिलाफ पाकिस्तान के नापाक मंसूबों में तुर्की बना है मददगार, जानें- क्या है मामला
तुर्की और पाकिस्तान दोनों मिलकर भारत और अमेरिका के खिलाफ साइबर वार की शुरुआत करने की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। इसके लिए तुर्की पाकिस्तान को साइबर आर्मी बनाने में मदद कर रहा है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत इमरान खान ने अपने पीएम रहते हुए की थी।
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। तुर्की और पाकिस्तान के संबंध किसी से छिपे नहीं हैं। दोनों इस्लामिक राष्ट्र होने के नाते एक दूसरे के सुर में सुर मिलाते नहीं थकते हैं। बात चाहे कश्मीर का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की हो या फिर इस्लामिक सहयोग संगठन से इतर एक नया संगठन बनाने की कवायद हो, दोनों की ही दाल काफी गलती दिखाई देती है। इन दोनों के बीच की जुगलबंदी अब भारत और अमेरिका के लिए खतरा बनता दिखाई दे रही है। दरअसल, इन दोनों के बीच एक करार हुआ है जिसके तहत तुर्की पाकिस्तान को गोपनीय तरीके से साइबर आर्मी बनाने में मदद कर रहा है। इसका मकसद अपने कूटनीतिक हितों को साधना और भारत और अमेरिका पर दूसरी तरह से हमले को अंजाम देना होगा।
पाकिस्तान तुर्की के नापाक मंसूबे
तुर्की जिस नापाक मंसूबों में पाकिस्तान का साथ दे रहा है उसमें वो इंटरनेट के माध्यम से उन खबरों को तवज्जो दिलाने में पूरा साथ निभाएंगे जिससे भारत और अमेरिका की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके। दोनों के बीच सांठगांठ की ये कवायद केवल दोनों देशों की छवि को इस्लाम विरोधी बनाने को लेकर की जा रही है। पाकिस्तान और तुर्की के बीच इस तरह की खबरों को मुस्लिम समुदाय के बीच होने वाले सर्वे और वहां से मिलने वाले जवाबों के आधार पर किया जाएगा। भारत और अमेरिका को ये दिखाने की कोशिश की जाएगी कि ये न केवल इस्लाम विरोधी बल्कि दोनों ही देशों के खिलाफ हैं।
इमरान ने रखी नींव
इस योजना की आधारशिला पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने अपने पीएम रहते हुए ही रख दी थी। उन्होंने अपने कार्यकाल में तुर्की के उच्च अधिकारियों से इस मुद्दे पर एक अहम बैठक भी की थी, जिसमें इसको अमली जामा पहनाने पर जोर दिया गया था। आपको बता दें कि इमरान खान पीएम पद से हटाए जाने के बाद से ही अमेरिका केा लेकर काफी आक्रामक दिखाई दिए हैं। देश की मौजूदा सरकार को भी वो अमेरिका के इशारे पर बनी सरकार बताते आए हैं। भारत और अमेरिका के बीच के मजबूत रिश्तों पर भी इन दोनों देशों की तीखी निगाहें लगी हुई हैं। मौजूदा समय में तुर्की और पाकिस्तान दोनों के ही अमेरिका से संबंध काफी खराब हैं। तुर्की पर तो अमेरिकी प्रतिबंधों की गाज तक गिरी हुई है।