पाकिस्तान ने आखिर क्यों दी खूंखार आतंकवादी हाफिज सईद को सजा, जानें 3 प्रमुख कारण
पाकिस्तान ने खूंखार आतंकवादी हाफिज सईद को सजा के बाद उठे सवाल आखिर कहां है दाऊद इब्राहिम ? क्या इस फैसले के पीछे पाकिस्तान का कोई हिडेन एजेंडा है ? इसके पीछे पाक का क्या है बड़ा राजनीतिक निहितार्थ ?
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Sat, 21 Nov 2020 07:21 AM (IST)
इस्लामाबाद, ऑनलाइन डेस्क। पाकिस्तान में लाहौर की एक आतंकवाद निरोधी अदालत ने प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद को दो अलग-अलग मामलों में 10 साल की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं अदालत ने उसकी संपत्ति जब्त करने के भी आदेश दिए है। आतंकवादियों के पनाहगार पाकिस्तान के रुख में यह बदलाव आखिर क्यों आया। कौन है हाफिज सईद ? क्या इस फैसले के पीछे पाकिस्तान का कोई हिडेन एजेंडा है ? इसके पीछे पाक का क्या है बड़ा राजनीतिक निहितार्थ ? पाकिस्तान में हाफिज को लेकर चल रहे घटनाक्रम पर अमेरिका और भारत दोनों की नजर है। इसका क्या है भारतीय कनेक्शन? आखिर कहां है दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान ने उसे क्यों दिया है संरक्षण।
1. गहरे अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान दरअसल, 2000 के दशक के मध्य से आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय जगत में अलग-थलग पड़ता जा रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने आतंकवाद के प्रश्रय को लेकर पाकिस्तान को दी जा रही फंडिंग पर भी रोक लगा दी है। इसके अलावा पाकिस्तान पर आतंकवाद के लिए वित्तीय मदद देने और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एफएटीएफ का भी जबरदस्त दबाव है। हाल में जिस तरह से यूरोपीय यूनियन में पाकिस्तान पर आर्थिक प्रतिबंधों की बात जोरशोर से उठाई गई। उससे पाकिस्तान सरकार पर एक नया दबाव बना है। भारत ने कई दफे विश्व मंच पर प्रमाण के साथ पाक की आतंकवादी घटनाओं में संलिप्तता को सिद्ध किया है। कूटनीतिक मोर्चे पर भारत ने पाकिस्तान की जबरदस्त घेराबंदी की है।
2. अमेरिका की नई हुकूमत के समक्ष अच्छा बनने की चाल प्रो. पंत का मानना है कि इसमें पाकिस्तान की एक और चाल है। दरअसल, अमेरिका में चुनाव के बाद सत्ता में बदलाव हुआ है। डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडन अमेरिका के नए राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं। ऐसे में पाकिस्तान हाफिज को सजा देकर आतंकवाद विरोधी छवि पेश करना चाहता है। ऐसा करके वह भारत के दावे का झुठलाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान बाइडन की नजरों में एक लोकतांत्रिक और आंतकवाद मुक्त देश बनने की छवि पेश करना चाहता है। इस नाते भी उसने हाफिज सईद पर दिखावी कार्रवाई की है।
3. आतंकवाद को हासिल है सेना का संरक्षण, बेबस पाक सरकार प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के लिए फंड जुटाने के पाकिस्तान में करीब 600 से 700 गंभीर मामले हैं। उनमें अब तक केवल हाफिज सईद के खिलाफ उसने दिखावे की कार्रवाई की है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि बाकी मामलों का निस्तारण पाकिस्तान कैसे करेगा। खासकर तब जब इन आतंकवादी संगठनों को सेना का संरक्षण हासिल है। इमरान सरकार चाह करके भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि यह सेना का ही दबाव था कि तमाम सबूतों के बावजूद हाफिज को हर बार अदालत से रिहा कर दिया जाता था। यह अंतरराष्ट्रीय दबाव है जो पाकिस्तान हाफिज सजा देने के लिए बाध्य हुआ है। पंत ने कहा कि खासकर यह अमेरिका और पाकिस्तान का संयुक्त दबाव है।
दाऊद इब्राहिम की गिरफ्तारी के लिए उठ सकती है मांग भारत काफी समय से पाकिस्तान से दाऊद इब्राहिम की गिरफ्तारी की मांग करता रहा है। हाफिज के बाद भारत दाऊद के लिए दबाव बना सकता है। भारत दावा करता रहा है कि दाऊद पाकिस्तान के कराची शहर में रह रहा है, लेकिन पाकिस्तान इसे खारिज करता आया है। पेरिस स्थित एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2028 में ग्रे लिस्ट में डालते हुए कहा था कि पाकिस्तान इन संगठनों और लोगों पर कार्रवाई करे। इस दबाव के चलते पाकिस्तान विदेश मंत्रालय द्वारा जारी लिस्ट में 1993 मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपी इब्राहिम का पता क्लिफ्टन के व्हाइट हाउस में रूप में दर्ज किया है। बता दें कि मुंबई बम ब्लास्ट में 257 लोग मारे गए थे और 700 लोग घायल हुए हैं।