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India and Pakistan Relation: क्‍या शाहबाज राज में भारत-पाक‍िस्‍तान के रिश्‍तों में आएगी नरमी? पाकिस्‍तानी दल के दौरे के बाद उठे सवाल

ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या पाकिस्‍तान और भारत के बीच रिश्‍ते सामान्‍य हो रहे हैं। क्‍या पाकिस्‍तान में नई सरकार भारत के प्रति उदार दृष्टिकोण रखती है। यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या पाकिस्‍तान में शहबाज शरीफ सरकार के भारत के साथ संबंध सामान्‍य होंगे।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Thu, 02 Jun 2022 06:45 AM (IST)
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क्‍या शाहबाज राज में भारत-पाक‍िस्‍तान के रिश्‍तों में आएगी नरमी। फाइल फोटो।
नई दिल्‍ली, जेएनएन। India and Pakistan Relation: सिंधु जलसिंध मामले में भारत ने अपने पड़ोसी पाकिस्‍तान को बड़ा भरोसा दिया है। भारत ने पाकिस्‍तान को आश्‍वासन दिया है कि पकल दुल समेत भारत की ओर से बनाई जा रही पनबिजली परियोजना में कोई बाधा नहीं आएगी। भारत ने यह आश्‍वासन सिंधु आयोग की नई दिल्‍ली में हुई बैठक में दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या पाकिस्‍तान और भारत के बीच रिश्‍ते सामान्‍य हो रहे हैं। क्‍या पाकिस्‍तान में नई सरकार भारत के प्रति उदार दृष्टिकोण रखती है। यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या पाकिस्‍तान में शहबाज शरीफ सरकार के भारत के साथ संबंध सामान्‍य होंगे। आइए जानते हैं इस पर विशेषज्ञों की क्‍या राय है।

1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि ऐसी चर्चा है कि सिंधु जलसंधि के जरिए दोनों देशों के बीच रिश्‍तों में गर्माहट आ रही है। यह कहा जा रहा है कि सिंधु नदी के जरिए दोनों देश एक दूसरे के निकट आ रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत पाकिस्‍तान के बीच मतभेद केवल जलबंटवारे को लेकर ही नहीं है, बल्कि सीमा पार से आतंकवाद समेत तमाम ऐसे मुद्दे हैं, जिससे दोनों देशों के बीच गहरे मतभेद है। भारत कई बार अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर इस समस्‍या को उठा चुका है। हालांकि, इसके बावजूद पाकिस्‍तान इससे बाज नहीं आ रहा है।

2- प्रो पंत ने कहा कि भारत और पाकिस्‍तान के बीच आतंकवाद एक ज्‍वलंत मुद्दा है। उन्‍होंने कहा कि इसके अलावा पाकिस्‍तान और चीन की निकटता से दोनों मुल्‍कों के रिश्‍ते तल्‍ख हुए हैं। भारत कई बार साफ कर चुका है कि जब तक सीमा पार से आतंकवाद बंद नहीं होता दोनों देशों के रिश्‍ते सामान्‍य नहीं हो सकते हैं। प्रो पंत ने कहा कि इस मामले में मोदी सरकार का स्‍टैंड एकदम क्‍लीयर है। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान में चाहे जिसकी सरकार हो वह भारत के खिलाफ आतंकवाद को रोकने में फेल रही है। उन्‍होंने कहा कि यदि पाकिस्‍तान की सरकार इसे रोकना भी चाहे तो वह सेना के आगे असहाय है। प्रो पंत ने कहा कि वहां आतंकवादी संगठनों एवं सेना का एक मजबूत गठजोड़ है। वह किसी भी सरकार पर भारी रहता है।

3- प्रो पंत ने कहा कि कश्‍मीर में पुलवामा आतंकवादी घटना और अनुच्‍छेद 370 के हटने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्‍ते काफी तल्‍ख हुए हैं। पाकिस्‍तान हर मंच पर अनायास कश्‍मीर मामले को उठता रहा है, जबकि भारत का कहना है कि कश्‍मीर उसका अभिन्‍न अंग है। यह उसका आंतरिक मामला है। इसके बावजूद वह अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर अपनी करतूत को छिपाने के लिए कश्‍मीर का राग अलापता रहा है। 

दोनों देशों के बीच जल बंटवारे को लेकर क्‍या है प्रावधान

1- पाकिस्‍तान की ओर से छह सदस्‍यीय दल भारत आया था। पाकिस्‍तान ने भारत से मांग की है कि सिंधु जल‍संधि के नियमों के तहत बाढ़ के पानी के बहाव के बारे में अग्रिम सूचना दी जाए। यह व्‍यवस्‍था साल 1989 से 2018 तक चली आ रही है। भारतीय पक्ष ने आश्‍वासन दिया कि बाढ़ के मौसम में वे पाकिस्‍तानी दल को दौरा और निरीक्षण करने की अनुमति देंगे। भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्‍तान की सभी लंबित आपत्तियों पर परीक्षण किया जा रहा है और इस्‍लामाबाद में होने वाली अगली बैठक में इन पर चर्चा होगी। प्रो पंत ने कहा कि दोनों देशों के बीच जल बंटवारे को लेकर एक प्रावधान है, जिसका निर्वाह दोनों देश करते हैं।

2- इस दौरान दोनों देशों ने सिंधु जलसंधि को उसकी वास्‍तविक भावना के अनुसार क्रियान्वित करने पर प्रतिबद्धता जताई। पाकिस्‍तानी पक्ष ने कहा कि यह बातचीत सिंधु जल‍संधि के तहत हो रही है और यह लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। हम विभिन्‍न मुद्दों को द्विपक्षीय तरीके से सुधार सकते हैं। यह भारतीय पक्ष पर है कि वे कैसे प्रतिक्रिया देते हैं। भारत ने पनबिजली परियोजनाओं पर पाकिस्‍तान से कहा कि ये प्रोजेक्‍ट संधि के नियमों के तहत ही है।

3- सिंधु जलसंधि के अनुसार सतलुज, ब्‍यास और रावी नदी का पानी भारत को दिया गया है। उधर, सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों का पानी पाकिस्‍तान को दिया गया है। भारत को पनबिजली बनाने का अधिकार मिला हुआ है। भारत की मोदी सरकार ने पाकिस्‍तान को यह भरोसा ऐसे समय पर दिया है जब शहबाज शरीफ सरकार के आने के बाद दोनों देशों के बीच पर्दे के पीछे से फिर से बातचीत शुरू हुई है।