विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों में तेजी से फैल रहीं बीमारियों को लेकर जारी की चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पाकिस्तान में बाढ़ के पैदा होने वाली गंभीर बीमारियों को लेकर चिंता जाहिर की है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने अपने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान में लगभग 2000 स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
By Amit SinghEdited By: Updated: Sun, 18 Sep 2022 05:01 AM (IST)
इस्लामाबाद, एजेंसियां: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पाकिस्तान में बाढ़ के पैदा होने वाली गंभीर बीमारियों को लेकर चिंता जाहिर की है। WHO ने कहा है कि पाकिस्तान के डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारी पानी के भराव से पैदा होने वाली बीमारियों से लड़ने के लिए भारी संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है।
पाकिस्तान में बाढ़ के कारण हुई तबाही के बाद अब पानी कम होना शुरू हो गया है। लेकिन बाढ़ के कारण बड़ी तादाद में विस्थापन हुआ है। जो लोग विस्थापित होकर टेंट और अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं वो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण, डेंगू बुखार और मलेरिया के खतरे का सामना कर रहे हैं। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, गंदा और रुका हुआ पानी मच्छरों के पनपने का अड्डा बन गया है।
पाकिस्तान में जून के महीने में आई अभूतपूर्व मानसून की बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हुई। भारी बाढ़ के चलते पाकिस्तान में करीब 1545 लोगों के मारे जाने की आशंका है। साथ लाखों एकड़ जमीन भी बरबाद हो गई है, अनुमान है कि बाढ़ से 33 मिलियन लोगों प्रभावित हुए है। बाढ़ में अब तक 552 बच्चों की मौत हो चुकी है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने अपने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान में लगभग 2,000 स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। डब्ल्यूएचओ प्रमुख में विश्व के अन्य देशों से पाकिस्तान की मदद करने को आगे आने के लिए कहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके। वहीं, यूनिसेफ ने पाकिस्तान में आई बाढ़ को सुपरफ्लड का नाम दिया है। इस सुपरफ्लट से अब तक 1.6 करोड़ बच्चे प्रभावित हुए हैं।
यूनिसेफ ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि करीब 35 बच्चों को तुरंत मदद की दरकार है। यूनिसेफ के अब्दुल्ला फालिद ने पाकिस्तान के कई प्रभावित इलाकों का विशेषकर सिंध का दौरा करने के बाद ये बयान दिया है। फालिद दो दिन के दौरे पर पाकिस्तान में थे। उन्होंने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि हालात काफी खराब हैं। बाढ़ की वजह से न सिर्फ डायरिया जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की आशंका है बल्कि डेंगू समेत दूसरी त्वचा संबंधित बीमारियों का भी खतरा मंडरा रहा है। बच्चों को पोषक खाने की कमी से भी हालात काफी खराब हो रहे हैं।