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पाकिस्तान को सताने लगी अमेरिकी नाराजगी की चिंता, कहा- परमाणु क्षमता क्षेत्र में शांति के लिए जरूरी

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा है कि उनका देश आपसी सम्मान के आधार पर अमेरिका के साथ संबंध चाहता है। लेकिन ऐसा लगता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर पाकिस्तान के निष्पक्ष रुख को अमेरिका पसंद नहीं कर रहा है।

By AgencyEdited By: Ramesh MishraUpdated: Sun, 16 Oct 2022 08:09 PM (IST)
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ। फाइल फोटो।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा है कि उनका देश आपसी सम्मान के आधार पर अमेरिका के साथ संबंध चाहता है। लेकिन, ऐसा लगता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर पाकिस्तान के निष्पक्ष रुख को अमेरिका पसंद नहीं कर रहा है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा पाकिस्तान को सबसे खतरनाक देशों में से एक करार दिए जाने के बीच आसिफ ने सफाई दी कि पाकिस्तान की परमाणु क्षमता क्षेत्र में शांति के लिए जरूरी है।

पाकिस्तान वर्ष 1950 से अमेरिका का सहयोगी रहा है। हालांकि, महाशक्ति ने पाकिस्तान का उसके कठिन समय में कैसे समर्थन किया, यह इतिहास बन चुका है। रक्षा मंत्री ने कहा, 'हमें इतिहास से सबक सीखना चाहिए, वर्ना राष्ट्र कभी माफ नहीं करेगा।'आसिफ ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बयान से पता चलता है कि वह इतिहास भूल चुके हैं। वह भूल गए हैं कि बीते समय में पाकिस्तान ने उनके देश के लिए क्या किया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन को पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा के बारे में बयान देते समय संतुलन बनाए रखना चाहिए।

पाकिस्‍तान और अमेरिका के रिश्‍तों पर एक बार फिर से तनाव पैदा हो गया है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन के पाकिस्‍तान के परमाणु हथियारों को लेकर दिए गए बयान से पाकिस्‍तान भड़का हुआ है। दरअसल, राष्‍ट्रपति बाइडन ने पाकिस्‍तान को विश्‍व का सबसे खतरनाक देश बताते हुए यहां के परमाणु संस्‍थानों और हथियारों की सुरक्षा पर चिंता जताई है। इस बयान पर पहले विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने पाकिस्‍तान में अमेरिकी राजदूत को तलब कर इस बयान पर अपनी कड़ी नाराजगी व्‍यक्‍त की और अब पीएम शहबाज शरीफ ने भी ट्वीट कर इस पर आपत्ति दर्ज की है।