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रूस में गूगल पर लगा 750 करोड़ का जुर्माना, प्रतिबंधित सामग्री को डिलीट न किए जाने का है कारण

तगांस्की जिला न्यायालय ने कहा कि बार-बार के निर्देश के बावजूद गूगल ने आपत्तिजनक आनलाइन कंटेंट को डिलीट नहीं किया। इसलिए उस पर जुर्माना लगाया जा रहा है। गूगल ने कहा है कि वह न्यायालय के आदेश का अध्ययन करेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई करेगी।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Fri, 24 Dec 2021 10:52 PM (IST)
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गूगल ने कहा, वह न्यायालय के आदेश का करेगी अध्ययन
मास्को, एपी। रूस की एक अदालत ने अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी गूगल पर दस करोड़ डालर (करीब 750 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना स्थानीय कानून के अनुसार प्रतिबंधित सामग्री को डिलीट न किए जाने के कारण लगाया गया है।

तगांस्की जिला न्यायालय ने कहा कि बार-बार के निर्देश के बावजूद गूगल ने आपत्तिजनक आनलाइन कंटेंट को डिलीट नहीं किया। इसलिए उस पर जुर्माना लगाया जा रहा है। गूगल ने कहा है कि वह न्यायालय के आदेश का अध्ययन करेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई करेगी।

रूस सरकार ने इंटरनेट मीडिया पर बढ़ाया है दबाव

विदित हो कि हाल के महीनों में रूस में प्रशासन ने इंटरनेट मीडिया पर दबाव बढ़ा दिया है। नशीले पदार्थो, हथियारों और विस्फोटक सामग्री के मसलों पर प्रशासन इंटरनेट मीडिया कंपनियों को घेर रहा है, नोटिस भेज रहा है।

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोधी एलेक्सेई नवलनी के पक्ष वाला कंटेंट प्रसारित करने पर भी कई कंपनियों को प्रशासन ने नोटिस भेजे थे।

इंटरनेट मीडिया कंपनी पर रूस में लगा सबसे बड़ा जुर्माना

रूस में 2020 से यह सिलसिला जारी है। रूसी अदालतों ने इससे पहले भी गूगल, फेसबुक और ट्विटर पर जुर्माने लगाए हैं लेकिन वे कम धनराशि के थे। इस बार का जुर्माना किसी भी इंटरनेट मीडिया कंपनी पर रूस में लगा सबसे बड़ा जुर्माना है।

प्रोद्योगिकी कंपनियों ठहराया था दोषी

इस साल की शुरुआत में अधिकारियों ने जेल में बंद रूस सरकार के आलोचक एलेक्सी नवलनी के समर्थन में विरोध के बारे में घोषणाओं को नहीं हटाने के लिए प्रोद्योगिकी कंपनियों को दोषी ठहराया था। रूसी अदालतें इस साल गूगल, फेसबुक और ट्विटर पर छोटे जुर्माना लगा चुकी हैं। गौरतलब है कि रूस ही नहीं बाकी कई देश भी  गूगल समेत कई इंटरनेट मीडिया में सख्त पाबंदी बनाए हुए हैं।

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