शीत युद्ध के बाद रूस-अमेरिका के बीच कैदियों की सबसे बड़ी डील, सात देशों के 26 कैदी हुए आजाद
रूस और कई पश्चिमी देशों के बीच कैदियों की अदल-बदली को लेकर बड़ी डील हुई है जिसमें सात देशों के कुल 26 कैदियों को रिहा किया गया है। अमेरिका- रूस के बीच कैदियों की डील को सोवियत युग के बाद सबसे बड़ा बताया जा रहा है। डील के तहत रूस ने अमेरिकी पत्रकार इवान गेर्शकोविच को भी आजाद कर दिया है।
रॉयटर्स, मॉस्को/अंकारा। अमेरिका और रूस ने गुरुवार को सोवियत इतिहास के बाद सबसे बड़ी कैदियों की अदला-बदली की है। इसके तहत रूस ने वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर इवान गेर्शकोविच और मिशिगन के कॉर्पोरेट सुरक्षा कार्यकारी पॉल व्हेलन को रिहा कर दिया है। वहीं पश्चिम में बंद आठ कैदियों को वापस रूस भेजा जा रहा है।
रॉयटर्स के अनुसार कई देशों के अंतर्राष्ट्रीय सौदे में लगभग दो दर्जन कैदी रिहा किए गए हैं। कैदियों की इस अदला-बदली का समन्वय तुर्किये ने किया। उसने कहा कि दो नाबालिगों सहित 10 कैदियों को रूस, 13 को जर्मनी और तीन को संयुक्त राज्य अमेरिका ले जाया गया है। इस अदला-बदली में पोलैंड, स्लोवेनिया, नॉर्वे और बेलारूस भी शामिल थे।
रूस ने नहीं की आधिकारिक पुष्टि
जर्मनी ने पुष्टि की कि उनमें बर्लिन में एक निर्वासित असंतुष्ट की हत्या के दोषी वादिम क्रासिकोव को भी अदला-बदली के सौदे में शामिल किया गया है। राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एमआईटी) ने एक बयान में कहा, 'पार्टियों की अनुसमर्थन प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद, स्वास्थ्य जांच कर कैदियों को उन देशों के विमानों पर रखा गया, जहां वे एमआईटी की मंजूरी और निर्देशों के साथ यात्रा करेंगे।'हालांकि, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने विशेष रूप से अदला-बदली की पुष्टि नहीं की, लेकिन राज्य समाचार एजेंसी टीएएसएस ने उनके हवाले से कहा कि हमारे सभी दुश्मनों को वहीं (विदेश में) रहना चाहिए और जो हमारे दुश्मन नहीं हैं, उन्हें वापस लौट जाना चाहिए। इससे पहले बड़ी संख्या में कैदियों की अदला-बदली 2010 में की गई थी, जब 14 कैदियों को रिहा किया गया था।