Move to Jagran APP

PM Modi-Xi Jinping Talk: 'सीमा पर शांति हमारी प्राथमिकता' शी चिनफिंग के साथ बातचीत में बोले PM मोदी, एक घंटे तक चली मुलाकात

रूस के कजान में 16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बुधवार को पांच साल में पहली बार औपचारिक वार्ता की। जिससे संकेत मिला कि 2020 में एक घातक सैन्य झड़प से क्षतिग्रस्त हुए एशियाई दिग्गजों के बीच संबंधों में सुधार शुरू हो गया है। इससे पहले दोनों नेताओं की शिखर वार्ता अक्टूबर 2019 में दक्षिण भारतीय शहर ममल्लापुरम में हुई थी।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 23 Oct 2024 07:02 PM (IST)
Hero Image
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Photo From Video)
एजेंसी, कजान। रूस के कजान में 16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (16th BRICS Summit 2024) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi In BRICS) और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग(China President Xi Jinping) ने आज रूस में 2019 के बाद पहली द्विपक्षीय बैठक की।

भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। हम मानते हैं कि भारत-चीन संबंध न केवल हमारे लोगों के लिए, बल्कि शांति, स्थिरता और विकास के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आपसे मिलकर खुशी हुई... हमारा मानना है कि भारत और चीन के संबंधों का महत्व केवल हमारे लोगों के लिए ही नहीं है लेकिन वैश्विक शांति-स्थिरता और प्रगृति के लिए भी हमारे संबंध बहुत अहम हैं।'

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा कि कजान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की। भारत-चीन संबंध हमारे देशों के लोगों और क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेगी।

पीएम मोदी से क्या बोले जिनफिंग?

प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि कजान में आपसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। पिछले पांच सालों में यह हमारी पहली औपचारिक बैठक है। हमारे दोनों देशों के लोग और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय हमारी बैठक पर बहुत ध्यान दे रहे हैं।

राष्ट्रपित शी चिनफिंग ने कहा, 'चीन और भारत दोनों ही प्राचीन सभ्यताएं हैं, प्रमुख विकासशील देश हैं और वैश्विक दक्षिण के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। हम दोनों ही अपने-अपने आधुनिकीकरण प्रयासों के महत्वपूर्ण चरण में हैं। यह हमारे दोनों देशों और लोगों के मौलिक हितों को सर्वोत्तम रूप से पूरा करता है।'

पीएम मोदी की मुलाकात पर क्या बोला विदेश मंत्रालय?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात के बाद विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पर शांति और स्थिरता पर जोर दिया। पीएम ने कहा कि मतभेद का हल सही ढंग से हों। विदेश मंत्रालय ने बताया है कि दोनों देशों के प्रतिनिधि जल्द से सीमा विवाद पर बातचीत करेंगे।

दोनों देश के बीच संबंधों में सुधार

पीएम मोदी और शी चिनफिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई। यह वार्ता कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तरों पर हुई सफलता से 72 घंटे से भी कम समय में हुई, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दोनों देश के बीच संबंधों में सुधार हो रहा है।

एलएसी पर बनी बात

बता दें कि चीन ने भी मंगलवार को इस बात को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि भारत के साथ लगे वास्तविक नियंत्रण रेखा (पूर्वी लद्दाख के इलाके में) पर चार वर्षों से जारी विवाद के निपटारे के लिए दोनों देशों के बीच एक समझौता हो गया है। चीन ने यह भी कहा है कि वह इस समझौते को लागू करने के लिए भारत के साथ काम करेगा। भारत की तरफ से एक दिन पहले ही इसकी घोषणा की गई थी।

हजारों सैनिक सीमा पर तैनात

गश्त व्यवस्था में सफलता गलवान घाटी में हुई झड़प के चार साल बाद आई है और यह उस क्षेत्र में तनाव कम करने की दिशा में एक कदम है, जहां दोनों देशों ने हजारों सैनिकों को सीमा पर तैनात कर दिया था। बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर आम सहमति बनने के बाद भारत-चीन संबंधों में आए सुधार को रेखांकित किया गया।

ब्रिक्स में हुई मुलाकात

भारत सरकार और चीनी राज्य मीडिया ने कहा कि दोनों नेताओं ने रूसी शहर कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर मुलाकात की, दो दिन पहले नई दिल्ली ने घोषणा की थी कि उसने अपने विवादित हिमालयी सीमा पर चार साल के सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए बीजिंग के साथ एक समझौता किया है।

ऐसे सुलझा एलएसी का मुद्दा

गौरतलब है कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक दिन पहले कहा था कि, भारत और चीन के बीच विदेश मंत्रालयों व सैन्य कमांडरों के बीच लगातार हुई बातचीत के बाद वर्ष 2020 से चल रहे विवाद के संदर्भ में पेट्रो¨लग करने को लेकर समझौता हो गया है। इससे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर वर्ष 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल करने का रास्ता खुलेगा।

पीएम मोदी और शी-चिनफिंग की मुलाकात का वीडियो

यह भी पढ़ें: भारत-चीन के बीच LAC पर हुआ समझौता क्यों है महत्वपूर्ण, क्या है पैट्रोलिंग विवाद की जड़?, पढ़ें कैसे बनी सहमति