रूस और यूक्रेन के युद्ध को लगभग एक साल से ऊपर हो चुका है। इस युद्ध के बीच वैगनर ग्रुप और उसके मालिक येवगेनी प्रिगोझिन की भी चर्चा तेजी से हो रही है। एक समय था जब वैगनर ग्रुप का पुतिन की पर्सनल आर्मी भी कहा जाता था। इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर कौन है येवगेनी प्रिगोझिन जिसने पुतिन को धमकी दी है।
By Versha SinghEdited By: Versha SinghUpdated: Sat, 24 Jun 2023 12:35 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। रूस और यूक्रेन के युद्ध को लगभग एक साल से ऊपर हो चुका है। इतना समय बीत जाने के बाद भी ये युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान दोनों ही देशों को आर्थिक और जानमाल की हानि हुई है। वहीं, इन दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के दौरान
वैगनर ग्रुप की भी चर्चा जोरों पर हो रही है।
बता दें कि रूस में जारी युद्ध के बीच वैगनर ग्रुप ने
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ जंग छेड़ दी है।वैगनर ग्रुप के लड़ाके पुतिन के साथ युद्ध के लिए मॉस्को की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्हें रोकने के लिए रास्ते में रूसी सेना भी उनसे निपटने की तैयारियां कर रही है। दोनों के बीच लड़ाई होने की खबरें भी मिली हैं।
एक समय था जब पुतिन और प्रिगोझिन एक दूसरे के दोस्त हुआ करते थे। वैगनर ग्रुप को व्लादिमिर पुतिन की आर्मी कह कर बुलाया जाता था। वैगनर ग्रुप के लड़ाको ने यूक्रेन में रूसी सेना के साथ मिलकर लड़ाई भी की है।
जो हमारे रास्ते में आएगा उसे हम खत्म कर देंगे -प्रिगोझिन
खबरों से मिली जानकारी के अनुसार, ऐसा कहा जाता रहा है कि रूस में व्लादिमिर पुतिन को चुनौती देने वाला कोई भी व्यक्ति नहीं है। येवगेनी प्रिगोझिन ने पुतिन को धमकी भी दी है, जो चिंता का विषय है। वहीं, बखमुत शहर में स्थित वैगनर ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल से हमला होने की बात भी सामने आई थी। जिसके बाद से ही प्रिगोझिन काफी गुस्से में नजर आ रहा है और उसने इस हमले के लिए क्रेमलिन पर आरोप लगाए हैं।
मिसाइल हमले के दौरान वैगनर ग्रुप को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। गुस्साएं येवगेनी प्रिगोझिन ने उसके कैंप पर हुए हमले के बाद कहा है कि हम मॉस्को जा रहे हैं और जो हमारे रास्ते में आएगा, वो इसका जिम्मेदार खुद होगा।
कौन है येवगेनी प्रिगोझिन जिसने दी पुतिन को धमकी?
येवगेनी प्रिगोझिन पुतिन से उम्र में भी छोटे हैं। प्रिगोझिन का जन्म व्लादिमिर पुतिन से करीब 9 साल बाद 1961 में लेलिनग्राद में हुआ था। इस शहर को अब सेंट पीटर्सबर्ग के नाम से जाना जाता है। जब प्रिगोझिन छोटा था तो उस समय ही उसके पिता की मृत्यु हो गई थी।
प्रिगोझिन ने खुद बताया है कि उसकी मां एक अस्पताल में काम करती थीं। प्रिगोझिन ने प्राथमिक शिक्षा के बाद खेल अकादमी ज्वाइन कर ली थी। इस दौरान वो रोजाना घंटों क्रॉस-कंट्री स्कीइंग करता था। इसके बावजूद वो पेशेवर एथलीट के रूप में जगह नहीं बना सका। स्कूल खत्म होने के बाद येवगेनी प्रिगोझिन छोटे-मोटे अपराधियों की भीड़ में शामिल हो गया।
13 साल जेल में भी रहा है प्रिगोझिन
येवगेनी प्रिगोझिन अपराधियों वाले काम करने लगा। प्रिगोझिन ने कई घरों में लूट और डकैतियों को भी अंजाम दिया। इन सब अपराधों के बाद 1981 में रूस की एक अदालत ने येवगेनी प्रिगोझिन को डकैतियों और लूट के लिए 13 साल के लिए जेल की सजा सुनाई। इसके बाद लगभग एक दशक तक येवगेनी प्रिगोझिन जेल में ही रहा।
1990 के दौरान सोवियत संघ के विघटन के दौरान येवगेनी प्रिगोझिन को 1990 में जेल से रिहा कर दिया था।इसके बाद प्रिगोझिन सेंट पीटर्सबर्ग लौट आया। उस समय रूस में बड़े स्तर पर बदलाव हो रहे थे।
प्रिगोझिन ने सुपरमार्केट में खरीदी हिस्सेदारी
येवगेनी प्रिगोझिन ने सुपरमार्केट की एक सीरीज में हिस्सेदारी खरीदी। 1995 में प्रिगोझि ने फैसला किया कि वह रेस्टोरेंट खोलेगा। इसके लिए प्रिगोझिन ने ब्रिटिश होटल चेन के मालिक टोनी गियर से मुलाकात की। प्रिगोझिन ने पहले एक वाइन शॉप, फिर सेंट पीटर्सबर्ग के वासिलिव्स्की द्वीप पर अपने नए रेस्टोरेंट ओल्ड कस्टम्स हाउस की शुरुआत की।
शुरुआत में ओल्ड कस्टम्स हाउस ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए स्ट्रिपर्स को नियुक्त किया। लेकिन जैसे ही उसके रेस्टोरेंट के खाने की तारीफ होने लगी, उसने स्टिपर्स को नौकरी से निकाल दिया।इस रेस्टोरेंट में रूस के बड़े बिजनेसमैन, ब्यूरोक्रेट्स, सेंट पीटर्सबर्ग के मेयर और उस समय उनके डिप्टी मेयर व्लादिमीर पुतिन भी अपने दोस्तों के साथ खाना खाने आया करते थे।
प्रिगोझिन की मुलाकात पुतिन से कैसे हुई?
इन सब के बीच ही येवगेनी प्रिगोझिन की मुलाकात सेलिस्ट मस्टीस्लाव रोस्ट्रोपोविच से हुई। रोस्ट्रोपोविच ने 2001 में अपने सेंट पीटर्सबर्ग स्थित घर पर स्पेन की रानी की मेजबानी की थी। इस दौरान येवगेनी प्रिगोझिन ने उनके घर पर आए हुए सभी मेहमानों के खानपान की जिम्मेदारी संभाली थी।
रोस्ट्रोपोविच ने 2002 में अपने 75वें जन्मदिन के दौरान लंदन में एक भव्य म्यूजिकल प्रोग्राम आयोजित किया था। इसमें प्रिगोझिन और उसकी पत्नी को भी बुलाया गया था। उस समय तक पुतिन रूस के राष्ट्रपति बन चुके थे।अपने शासन के शुरुआती सालों के दौरान, पुतिन अक्सर अपने गृह नगर सेंट पीटर्सबर्ग में विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिलना पसंद करते थे और वह कभी-कभी उन्हें ओल्ड कस्टम्स हाउस या न्यू आइलैंड ले जाते थे। इस दौरान पुतिन और प्रिगोझिन की दोस्ती लगातार बढ़ती जा रही थी।
पुतिन ने रूस में सरकारी आयोजनों के लिए जारी कॉन्ट्रैक्ट येवगेनी प्रिगोझिन को दे दिया। इसके बाद 2012 में उसने मॉस्को के स्कूलों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए कई बड़े कॉन्ट्रैक्ट भी हासिल कर लिए थे।
क्या है मिलिट्री का कनेक्शन?
येवगेनी प्रिगोझिन वैगनर ग्रुप का मालिक भी है, जो क्रेमलिन-सहयोगी भाड़े का बल है, जो दुनिया भर के संकटग्रस्त स्थानों में पुतिन के रूसी प्रभाव के प्रक्षेपण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए काम करता रहा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र और अन्य का कहना है कि भाड़े के बल ने विशेष रूप से अफ्रीका भर के देशों में संघर्षों में खुद को शामिल किया है। वैगनर लड़ाके कथित तौर पर आकर्षक भुगतान के बदले में राष्ट्रीय नेताओं या सरदारों को सुरक्षा प्रदान करते हैं, जिसमें अक्सर सोने या अन्य प्राकृतिक संसाधनों का हिस्सा भी शामिल होता है।वैगनर ग्रुप के सैनिकों ने बखमुत शहर पर भी कब्जा कर लिया है। ये वही शहर है जहां सबसे ज्यादा खूनीसंघंर्ष और सबसे लंबे समय तक दोनों देशों के बीच लड़ाई हुई है।
अमेरिका का अनुमान है कि दिसंबर से यूक्रेन में मारे गए 20,000 रूसी सैनिकों में से लगभग आधे बखमुत में वैगनर लड़ाके थे। उनके भाड़े के सैनिकों में रूस की जेलों से भर्ती किए गए कैदी शामिल थे।
हिटलर से भी रहा है इस ग्रुप का कनेक्शन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वैगनर ग्रुप की स्थापना दिमित्री उत्किन ने थी। दिमित्री कभी रूस की खुफिया एजेंसी के लिए काम करते थे। दिमित्री एडोल्फ हिटलर को अपना आदर्श मानते आए हैं, यही वजह रही कि इस ग्रुप का कनेक्शन हिटलर से भी रहा है।हिटलर म्यूजिक कम्पोजर रिचर्ड वैगनर को काफी पसंद करते थे। यही वजह रही कि वैगनर के नाम पर ही इस ग्रुप का नामकरण किया गया था।
प्रिगोझिन रहा है पुतिन का शेफ?
जानकारी के लिए बता दें कि येवगेनी प्रिगोझिन और पुतिन पुराने जमाने के दोस्त भी रहे हैं। दोनों का जन्म रूस में स्थित लेनिनग्राद शहर में हुआ था। इस शहर को अब सेंट पीटर्सबर्ग के नाम से जाना जाता है। कई समय तक प्रगोझिन जेल में भी रहा है।जानकारी के अनुसार, जेल से रिहा होने के बाद येवगेनी ने एक रेस्टोरंट खोला था। प्रिगोझिन के पास एक हॉट डॉग स्टैंड और फिर फैंसी रेस्तरां था, जिनमें पुतिन को भी काफी रुचि थी। अपने पहले कार्यकाल में, रूसी नेता तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति जैक्स शिराक को भोजन कराने के लिए इन्हीं में से एक रेस्टोरेंच में ले गए थे।प्रिगोझिन ने 2011 में प्रकाशित एक साक्षात्कार में कहा था कि व्लादिमीर पुतिन ने देखा है कि कैसे मैंने एक कियोस्क से व्यवसाय बनाया, उन्होंने देखा है कि मुझे कभी भी मेहमानों की सेवा करने में कोई आपत्ति नहीं रही है क्योंकि वे मेरे मेहमान थे।प्रिगोझिन के व्यवसाय में खानपान और स्कूल का दोपहर का भोजन उपलब्ध कराने तक काफी विस्तार हुआ था। 2010 में, पुतिन ने प्रिगोझिन की फैक्ट्री खोलने में भी मदद की थी जिसे एक राज्य बैंक द्वारा लोन लेकर बनाई गई थी।अकेले मॉस्को में ही प्रिगोझिन की कंपनी कॉनकॉर्ड ने पब्लिक स्कूलों में भोजन उपलब्ध कराने के अनुबंध में लाखों डॉलर कमाए थे। प्रिगोझिन ने कई सालों तक क्रेमलिन कार्यक्रमों के लिए खानपान की व्यवस्था भी की थी जिससे चलते प्रिगोझिन को "पुतिन का शेफ" उपनाम दिया था और रूसी सेना को खानपान और उपयोगिता सेवाएं प्रदान कीं।2017 में, विपक्षी नेता और भ्रष्टाचार सेनानी एलेक्सी नवलनी ने प्रिगोझिन की कंपनियों पर रक्षा मंत्रालय के अनुबंधों में लगभग 387 मिलियन डॉलर की बोली लगाकर अविश्वास कानूनों को तोड़ने का आरोप लगाया था।
वैगनर ग्रुप आगे क्या कर सकता है?
बेलारूस समझौते ने वैगनर पर प्रिगोझिन के नियंत्रण को हटा दिया है, लेकिन अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि उसका कोई भी लड़ाका बेलारूस तक उसका पीछा करेगा या नहीं।युद्ध अध्ययन संस्थान के थिंक टैंक (Institute for the Study of War think tank ) ने विफल विद्रोह पर अपनी रिपोर्ट में कहा, ये कर्मी संभावित रूप से व्यक्तिगत आधार पर रक्षा मंत्रालय के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, रूस में विमुद्रीकरण (demobilize) कर सकते हैं... (या) बेलारूस की यात्रा कर सकते हैं।यदि वे बेलारूस में हैं, तो इस बात को लेकर चिंता होगी कि क्या उन्हें रूसी युद्धक्षेत्र के परमाणु हथियारों तक पहुंच मिल सकती है या नहीं?रूस की सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव शनिवार को भड़के विद्रोह के कारण रूसी हथियारों पर नियंत्रण हासिल करने को लेकर चिंतित थे।
इस दौरान मेदवेदेव ने चेतावनी दी और कहा कि अगर वैगनरवासियों को परमाणु हथियार मिल गए तो दुनिया विनाश के कगार पर पहुंच जाएगी।(यह खबर न्यूज एजेंसी AP और न्यूज एजेंसी Reuters के द्वारा लिए गए इनपुट से बनाई गई है।)