Arne Schoenbohm: जर्मनी के साइबर सिक्योरिटी चीफ का है रूस की खुफिया एजेंसी से संबंध! पद से हटना तय
जर्मनी की साइबर सिक्योरिटी एजेंसी के मुखिया पर बेहद संगीन आरोप लगा है जिसके बाद उनाक पद से हटना तय माना जा रहा है। एक आर्टिकल में उनके रूस की खुफिया एजेंसी से संबंधों का खुलासा हुआ है।
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। जर्मनी के नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी के चीफ Arne Schoenbohm का उनके पद से हटना अब तय माना जा रहा है। उनको इस पद से हटाया जाना कोई साधारण घटना नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें हटाने के पीछे जिन बातों का खुलासा हो रहा है या जो जर्मनी मीडिया कह रही है उससे सरकार खुद हैरान और परेशान है। दरअसल, सरकारी सूत्रों का कहना है कि Arne का रूस की खुफिया सर्विस संपर्क था। इसलिए उन्हें पद से हटाया गया है।
ऊर्जा संकट झेल रहा जर्मनी
यही वजह है कि उनका जाना अब तय माना जा रहा है। सरकार की तरफ से ये बड़ा कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब रूस की वजह से समूचा यूरोप और खासतौर पर जर्मनी गहरे ऊर्जा संकट की मार झेल रहा है। ऊर्जा संकट की वजह से जर्मनी की आर्थिक हालत भी लगातार खराब हो रही है। इतना ही नहीं रूस के यूक्रेन और यूरोप को लेकर लगातार आक्रामक होने की वजह से एक दिन पहले ही जर्मनी की रक्षा मंत्री ने लिथुआनिया में कहा था कि नाटो को कुछ बड़े कदम उठाने चाहिए।
अपनी फील्ड के माहिर है Arne
ऐसे में जर्मनी के साइबर सिक्योरिटी चीफ पर लगा आरोप बेहद गंभीर माना जा रहा है। Arne अपनी फील्ड के माहिर माने जाते हैं। 1995 से 2008 तक वे ईएडीएस में तैनात थे। वहां पर वे वाइस प्रेसिडेंट कमर्शियल एंड डिफेंस सॉल्यूशंस के पद पर थे। जून 2008 में उन्होंने शॉनबोहम कंसल्टिंग नामक एक कंपनी की स्थापना की। वह BSS BuCET Shared Services AG के बोर्ड सदस्य थे।
इन पदों पर भी रहे अर्नी
फरवरी, 2016 को उन्हें आंतरिक मंत्रालय के सुझाव पर संघीय सूचना सुरक्षा कार्यालय का अध्यक्ष बनाया था। हालांकि उनकी इस पद पर नियुक्ति को लेकर सरकार की काफी आलोचना भी हुई थी। आपको बता दें कि दो दिन पहले ही एक आर्टिकल में साइबर सुरक्षा कंपनी प्रोटेलियन का इंफोटक कंपनी जो भी रूस की खुफिया एजेंसी के लिए काम करती है से संबंधों की बात उजागर हुई थी। इसमें कहा गया था कि साइबर सिक्योरिटी चीफ के इन दोनों से करीबी संबंध है।