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Germany vs Russia: अब बड़ा प्‍लान बनाने की तैयारी में है जर्मनी, रूस को माना यूरोप और अपना सबसे बड़ा दुश्‍मन!

जर्मनी अब अपनी सेना को दोबारा ताकतवर बनाने की कोशिशों में जुट गया है। रूस के खतरे को देखते हुए जर्मनी ने अपना रास्‍ता भी बदल लिया है। एनर्जी क्राइसेस को देखते हुए जर्मनी पहले ही कनाडा से बात कर चुका है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 18 Sep 2022 12:34 PM (IST)
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जर्मनी ने रूस को अपना और यूरोप का सबसे बड़ा दुश्‍मन माना है।
नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद समूचे यूरोप और इसकी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था जर्मनी को जिस परेशानी से दो-चार होना पड़ रहा है उसको देखते हुए उसने रूस को अपना सबसे बड़ा दुश्‍मन मान लिया है। अब जर्मनी रूस के रुख के रुख को देखते हुए नई तैयारियों में जुट गया है। दरअसल, पिछले दिनों बर्लिन में हुई आर्मी कांग्रेस में जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्‍कोल्‍ज ने इसका स्‍पष्‍ट संकेत दिया है कि वो अब जर्मनी को यूरोप का ताकतवर देश बनाएंगे। 

जर्मनी पर गैस का संकट 

बता दें कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से ही यूरोप को मिलने वाली गैस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसकी वजह से यूरोप को सर्दियों में मुश्किल का अहसास भी होने लगा है। यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था होने के नाते इसका जर्मनी पर अधिक असर भी पड़ा है। यूरोप की गैस उसकी अर्थव्‍यवस्‍था की एक तरह से नींव है। इसके बंद होने से उसको कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। युद्ध की शुरुआत के बाद से रूस कई बार यूरोप को होने वाली गैस सप्‍लाई को बंद कर चुका है। रूस गैस को एक हथियार के तौर पर इस्‍तेमाल कर रहा है। 

युद्ध खत्‍म करने की कोशिशें विफल 

जर्मनी और फ्रांस की तरफ से इस युद्ध को खत्‍म करने की अब तक की गई कोशिशें विफल साबित हुई हैं। इसलिए अब जर्मनी के चांसलर ओलाफ जर्मनी को यूरोप की सबसे बड़ी सैन्‍य ताकत बनाने में जुट गए हैं। उन्‍होंने कहा है कि जर्मनी को फिर से ताकतवर बनना होगा और यूरोप की सुरक्षा का नेतृत्‍व करना होगा। जर्मनी की सेना को मजबूत करने के लिए ओलाफ ने नए डिफेंस बजट में रक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि की है। जर्मनी की सेना को न सिर्फ अत्‍याधुनिक बनाने की शुरुआत ओलाफ कर रहे हैं बल्कि यूरोप का नेतृत्‍व भी करने की बात वो स्‍पष्‍ट कर चुके हैं। 

ओलाफ का नया प्‍लान आफ एक्‍शन 

जर्मनी की सेना को ड्रोन की सप्‍लाई की जा रही है। इससे पहले जर्मनी को उद्योग के क्षेत्र में ताकतवर बनाने की बात की जाती थी, लेकिन अब वर्षों बाद उसको सैन्‍य शक्ति बनाने की बात की जा रही है। इससे पहले जर्मनी की सेना लगातार हथियारों की कमी का मुद्दा सरकार के सामने उठाती रही थी, लेकिन इसको हर बार नजरअंदाज कर दिया गया था। अब सेना को उम्‍मीद है कि ऐसा नहीं होगा। 

कनाडा से जर्मनी को उम्‍मीद 

एनर्जी क्राइसेस को देखते हुए भी जर्मनी ने रूस से कदम हटाकर कनाडा की तरफ आगे कदम बढ़ा दिया है। हालांकि इसमें कुछ चुनौतियां जरूर हैं लेकिन रूस के अडि़यल रवैये को देखते हुए जर्मनी अब अपनी राह रूस की तरफ से मोड़ देना चाहता है। जर्मनी नहीं चाहता है कि रूस यूरोप में दोबारा यूक्रेन की तरह दखल दे सके। बता दें कि जर्मनी यूरोपीय संघ का हिस्‍सा है जबकि यूक्रेन इसकी सदस्‍यता लेने की कवायद कर रहा है। 

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