जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने कहा- रूस को यूक्रेन पर किए अत्याचारों के लिए जवाबदेह होना चाहिए
जापान अधिकारी ने विदेश मंत्री का हवाला देते हुए बताया कि जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने जर्मनी में सात विदेश मंत्रियों के समूह की बैठक में यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा के साथ बातचीत की। इस खबर में जानें हयाशी ने बैठक में क्या कहा-
By Ashisha RajputEdited By: Updated: Fri, 13 May 2022 04:43 PM (IST)
टोक्यो, एजेंसियां। रूस यूक्रेन के बीच चल रहे घमासान युद्ध को ढाई महीने होने को आए। लेकिन दोनों देशों के बीच की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान की शुरुआत के बाद से, भयंकर युद्ध में रूसी सेना ताबड़तोड़ यूक्रेन पर हमने कर रही है। ऐसे में जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी का शुक्रवार को बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने अपने यूक्रेनी समकक्ष से कहा कि यूक्रेन में रूसी अत्याचार पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।
जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी का बयानजापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने जर्मनी में सात विदेश मंत्रियों के समूह की बैठक के इतर यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने रूस द्वारा यूक्रेन पर किए जा रहे रूसी सैन्य हमलों पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि मास्को को इसकी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। इस बात की जानकारी एक जापानी सरकार के अधिकारी ने एक मीडिया ब्रीफिंग में दी।
वहीं दूसरी तरफ रूस ने यूक्रेन में अपने 'विशेष सैन्य अभियान' को अपशब्द कहने से इनकार किया है।दोनों देशों के बीच हो रहे युद्ध से यूक्रेन में चारों तरफ तबाही का मंजर देखा जा रहा है। अच्छे खासे शहर वीरान हो गए हैं। बड़ी-बड़ी इमारतें खंडहर में तब्दील हो गई। आए दिन रूस की मिसाइलों और बम धमाकों से पूरा यूक्रेन दहला हुआ है।
आपको बता दें कि इससे पहले रूस के विदेश मंत्रालय ने 4 मई को 63 जापानी अधिकारियों, पत्रकारों और प्रोफेसरों के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की थी और इस प्रतिबंध का कारण मास्को के खिलाफ 'अस्वीकार्य बयानबाजी' बताया जा रहा है। बता दें कि इस प्रतिबंध सूची में जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और रक्षा मंत्री नोबुओ किशी, अन्य अधिकारी भी शामिल हैं। रूसी मंत्रालय ने कहा 'प्रतिबंध लक्षित व्यक्तियों को अनिश्चित काल के लिए रूस में प्रवेश करने से रोकते हैं।'