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Russian Nuclear Capability: क्रेमलिन ने अंतरिक्ष में रूसी परमाणु क्षमता को लेकर अमेरिकी चेतावनी को किया खारिज

रूस ने गुरुवार को अंतरिक्ष में नई रूसी परमाणु क्षमताओं को लेकर अमेरिका की चेतावनी को खारिज कर दिया। रूस ने अमेरिकी चेतावनी को दुर्भावनापूर्ण और व्हाइट हाउस की चाल बताया। रूस ने कहा कि अमेरिका ने ऐसा इसलिए कहा ताकि वह मॉस्को से मुकाबला करने के लिए अमेरिकी सांसदों को और अधिक धनराशि स्वीकृत करने के लिए प्रेरित कर सके।

By Agency Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Thu, 15 Feb 2024 03:38 PM (IST)
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन। (फोटो- एपी )

रायटर्स, मॉस्को। रूस ने गुरुवार को अंतरिक्ष में नई रूसी परमाणु क्षमताओं को लेकर अमेरिका की चेतावनी को खारिज कर दिया। रूस ने अमेरिकी चेतावनी को दुर्भावनापूर्ण और व्हाइट हाउस की चाल बताया। रूस ने कहा कि अमेरिका ने ऐसा इसलिए कहा, ताकि वह मॉस्को से मुकाबला करने के लिए अमेरिकी सांसदों को और अधिक धनराशि स्वीकृत करने के लिए प्रेरित कर सके।

अमेरिका ने जारी की थी चेतावनी

मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बुधवार को समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि अमेरिका ने कांग्रेस और यूरोप में सहयोगियों को रूसी परमाणु क्षमताओं से संबंधित नई खुफिया जानकारी के बारे में बताया है, जो अंतरराष्ट्रीय खतरा पैदा कर सकती है। सूत्र ने बताया कि अंतरिक्ष-आधारित हथियार विकसित करने के रूसी प्रयासों से संबंधित नई क्षमताएं अमेरिका के लिए तत्काल खतरा पैदा नहीं करती हैं।

चेतावनी पर क्या बोला रूस?

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि जब तक व्हाइट हाउस विवरण का खुलासा नहीं करता, तब तक वह इस पर टिप्पणी नहीं करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि रूस का नाम लेकर ये अमेरिका की चाल है। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि व्हाइट हाउस किसी भी तरह से कांग्रेस को धन आवंटित करने के विधेयक पर मतदान करने के लिए उकसाने की कोशिश कर रहा है।

क्या रूस और चीन से डरता है अमेरिका?

बता दें कि अमेरिका, रूस और चीन को अपने प्रतिद्वंदी के रूप में चिह्निंत करता है। उसका मानना है कि ये दोनों देशों से उसका प्रतिस्पर्धा है। वाशिंगटन का कहना है कि मॉस्को और बीजिंग दोनों परमाणु, साइबर और अंतरिक्ष क्षमताओं सहित नई हथियार प्रणालियों की एक श्रृंखला विकसित कर रहे हैं।

अमेरिका को लेकर क्या बोला रूस?

इधर, रूस का कहना है कि शीत युद्ध के बाद अमेरिका का प्रभुत्व कम हो रहा है और वाशिंगटन ने पिछले कई वर्षों में अन्य हितों की अनदेखी करते हुए अराजकता फैलाई है। मॉस्को का कहना है कि अमेरिका भी कई नए हथियार विकसित कर रहा है।