Breaking Russia-Ukraine Talk: रूस-यूक्रेन वार्ता के लिए बेलारूस के गोमेल में हुआ मंच तैयार, जानें- राष्ट्रपति पुतिन के भेजे दल में कौन-कौन है शामिल
यूक्रेन से वार्ता के लिए रूस के अधिकारी बेलारूस पहुंच गए हैं। इसकी जानकारी क्रेमलिन ने दी है। आपको बता दें कि शनिवार को ही रूसी समाचार एजेंसी ने बताया था कि यूक्रेन रूस से वार्ता के लिए राजी हो गया है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 27 Feb 2022 03:05 PM (IST)
मास्को (एपी)। यूक्रेन से वार्ता के लिए रूस के अधिकारी बेलारूस पहुंच गए हैं। इसकी जानकारी क्रेमलिन ने दी है। आपको बता दें कि शनिवार को ही रूसी समाचार एजेंसी ने बताया था कि यूक्रेन रूस से वार्ता के लिए राजी हो गया है। अब देखना होगा कि दोनों के बीच वार्ता से क्या निकलता है। आपको बता दें कि ये वार्ता ऐसे समय में होने जा रही है जब यूक्रेन की राजधानी कीव में रूसी जवान नियत्रण पाने की कोशिश कर रहे हैं। कीव में जबरदस्त जंग चल रही है। इस बीच यूक्रेन की मदद के लिए यूरोप के दूसरे देशों ने भी सैन्य साजो सामान भेजा है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए रूस का एक प्रतिनिधिमंडल बेलारूस पहुंचा है। उनके मुताबिक रूसी प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रपति प्रशासन सहित अन्य विभागों के प्रतिनिधि शामिल हैं। यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल के साथ ये वार्ता गोमेल में होगी। स्पूतनिक की खबर के मुताबिक बेलारूसी विदेश मंत्रालय ने बताया है कि मिन्स्क ने गोमेल में रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता के लिए आवश्यक सभी चीजें तैयार कर ली है।
इससे पहले राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने वर्चुअल भाषण में कहा कि वो रूस के साथ बातचीत करने को तैयार है, लेकिन पड़ोसी देश बेलारूस में नहीं क्योंकि इसका इस्तेमाल आक्रमण के लिए लॉन्चपैड के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने इसके लिए वारसा, बुडापेस्ट, इस्तांबुल, बाकू का सुझाव दिया था।
आपको बता दें कि शनिवार को ये खबर सामने आई थी कि यूक्रेन रूस से बातचीत के लिए राजी हो गया है लेकिन वो ये बातचीत वर्सा में करना चाहता है जबकि रूस इस वार्ता को बेलारूस के मिन्स्क में करना चाहता था। काफी असमंजस के बाद यूक्रेन भी इस वार्ता के लिए राजी हो गया है। बता दें कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया था। इसके बाद रूस की तरफ से यूक्रेन पर चौतरफा हमला किया गया है। इसमें यूक्रेन को भारी क्षति भी उठानी पड़ी है साथ ही रूस को भी नुकसान हुआ है। इस बीच अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं।
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